हाथरस। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों का निरीक्षण के नाम पर उत्पीड़न हो रहा है। इसे लेकर शिक्षक-शिक्षिकाओं में आक्रोश है। अगर विभागीय अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो शिक्षकों का गुस्सा फूट पड़ेगा।
बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की ड्यूटी विभिन्न कार्यों में लगाई गई है। इस कारण ऐसे शिक्षक-शिक्षिकाएं स्कूलों में उपस्थित नहीं रह पा रहे हैं।
इन शिक्षकों ने पत्र व्यवहार रजिस्टर में भी अपनी ड्यूटी के बारे में दर्शा रखा है, फिर भी शिक्षक-शिक्षिकाओं को स्कूल में निरीक्षण करने पहुंच रहे विभागीय लोग अनुपस्थित दर्शा रहे हैं।
इसको लेकर विभागीय लोगों की मनमानी से शिक्षकों में आक्रोश है, क्योंकि 27 नवंबर को एआरपी, डायट मॅटर, एसआरजी द्वारा किए गए स्कूलों के निरीक्षण में 12 शिक्षक-शिक्षिकाओं को अनुपस्थित दर्शाया गया है, जबकि इनमें से कई शिक्षक शिक्षिकाएं मतदान के कार्य में अपनी भूमिका निभा रहे थे। कुछ विभाग की अनुमति से अवकाश पर थे, फिर भी उनको अनुपस्थित दर्शा दिया गया है। इसको लेकर शिक्षकों में आक्रोश है।
विभागीय लोगों की मनमानी से शिक्षकों में आक्रोश
इन लोगों के खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की गई है। केवल स्पष्टीकरण मांगा गया है। रही बात एआरपी के निरीक्षण की तो एआरपी शैक्षिक सपोर्ट के लिए नियुक्त किए गए हैं। अगर कोई निरीक्षण के नाम पर किसी को परेशान कर रहा है तो यह गलत है। इस मामले में जानकारी की जाएगी
-शाहीन, बीएसए हाथरस
एआरपी भी शिक्षकों के लिए बने अधिकारी
कहने को तो एआरपी शैक्षिक सपोर्ट के लिए नियुक्त किए गए हैं, ताकि स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षण दिया जा सके, लेकिन एआरपी शैक्षिक सपोर्ट के अलावा स्कूलों का निरीक्षण करने में लगे हैं। इसकी ओर विभागीय अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस कारण शिक्षकों को उत्पीड़न हो रहा है। ऐसे में शिक्षक काफी परेशान हैं। संवाद