कानपुर में भीतरगांव ब्लाक के सरसी गांव के प्राइमरी स्कूल में मिड डे मील (एमडीएम) खाते ही बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन में 8 बच्चों को एंबुलेंस से सीएचसी पहुंचाया गया। दो की हालत गंभीर पाए जाने पर कानपुर रेफर किया गया लेकिन परिजन लेकर नहीं गए। कुछ देर इलाज के बाद दोनों बच्चों की भी हालत सामान्य हो गयी। बाकी बच्चों को प्राथमिक इलाज के बाद ही घर भेज दिया गया। स्कूल पहुंची सीएचसी की टीम ने 38 अन्य बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की। जानकारी होने पर बीएसए भी स्कूल पहुंचे।
सरसी प्राथमिक विद्यालय में सोमवार दोपहर के भोजन में सोयाबीन की सब्जी और रोटी बच्चों को दी गई। कुल 46 बच्चे स्कूल आए थे। एक बच्ची ने शिक्षक को बताया कि सब्जी में छिपकली गिरी हुई है। इसके बाद एमडीएम खाने वाले दूसरे बच्चों ने मिचली, सिरदर्द की शिकायत शुरू कर दी। बच्चों की हालत बिगड़ते देख शिक्षकों ने भीतरगांव सीएचसी को सूचना दी। कुछ ही देर में एंबुलेंस पहुंची और 8 बच्चों को सीएचसी पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि फूड प्वाइजनिंग के कारण सभी बच्चों की तबीयत बिगड़ी। बीएसए डॉ. पवन तिवारी ने बताया कि सभी बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हैं। एहतियातन सभी बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कराई गई है। खाद्य विभाग की टीम से खाने के सैंपल लिए हैं। बीएसए ने कहा कि लापरवाही करने वालों के खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई होगी। प्रधानाध्यापक शमीमा खातून ने बताया कि छिपकली नहीं गिरी थी। एक बच्ची के घबराने के बाद बच्चों की हालत बिगड़ी थी।
छात्रा ने बताया था कि खाने में छिपकली
छात्रा गुड़िया ने सबसे पहले सूचना दी कि सब्जी में छिपकली है। खाते ही छात्रा को उल्टी होने लगी। उसने शिक्षिका को जानकारी दी। लापरवाही का आलम यह रहा कि बच्ची से कह दिया कि दो सोयाबीन आपस में जुड़ गई हैं। इसके बाद उसे सब्जी से निकालकर फेंकवा दिया। बीएसए ने सभी शिक्षकों से पूछताछ की है।
जल्दबाजी में फेंक दिया खाना
स्कूल स्टाफ ने मामले के तूल पकड़ने के बाद जल्दबाजी में पूरा खाना कहीं फेंक दिया। पूछताछ के दौरान स्टाफ ने बताया कि सारा खाना खत्म हो गया था। स्टाफ ने बर्तन भी धुलवा दिये थे। जल्दबाजी में बर्तन ठीक से साफ नहीं किए गए थे।