देवरिया जिले में शिक्षा की गुणवत्ता परखने के लिए बीएसए रामपुर कारखाना विकास खंड के गौरकोठी गांव के प्राथमिक स्कूल पहुंचे। पूर्वाह्न 11.45 बजे बच्चे परिसर में घूम रहे थे। सभी अध्यापक एक साथ कुर्सी लगाकर धूप में मोबाइल चलाते मिले। मध्याह्न भोजन लकड़ी पर बन रहा था, वह भी काफी विलंब से। विद्यालय गंदगी से भरा पड़ा था और भवन धुएं से काला हो गया था। अव्यवस्था देखकर प्रधानाध्यापक को कड़ी फटकार लगाते हुए एक माह में सभी कमियों को पूरा करने का निर्देश दिया।
स्कूल पहुंचते ही बीएसए को देख सभी अध्यापक कमरों में भागने लगे। बीएसए ने अध्यापकों से पूछा अभी आप लोग कितनी घंटी (पीरियड) पढ़ा चुके हैं, क्या- क्या विषय और कौन सा पाठ पढ़ाया है, इस प्रश्न का उत्तर कोई अध्यापक नहीं दे सका। प्रधानाध्यापक विजय गोंड से पूछा कि आज आपने क्या पढ़ाया है तो वह बगले झांकते नजर आए।
उन्होंने सभी अध्यापकों से पढ़ाई का पाठ योजना बताने को कहा तो विद्यालय में पाठ योजना बनी ही नहीं थी। सभी कक्षाओं के बच्चों से बीएसए ने कुछ सवाल किए तो कोई बच्चा उत्तर नहीं दे सका। इस पर प्रधानाध्यापक को कड़ी फटकार लगाते हुए बीएसए ने कहा क्या पढ़ाते हैं, आप लोग जब बच्चों को किसी सवाल का उत्तर ही नहीं मालूम। वह अपना नाम, पता तक नहीं बता पा रहे।
बीएसए ने लगाई शिक्षक की क्लास
मौके पर ही मोबाइल चलाने वाले अध्यापकों को फटकारा। इसके बाद बीएसए ने स्कूल में गंदगी और भवन काला होने पर स्पष्टीकरण मांगा। लकड़ी पर भोजन बनने पर सवाल पूछा तो स्कूल का गैस सिलिंडर व चूल्हा पता चला कि पूर्व का कोई प्रधानाध्यापक अपने घर उठा ले गए हैं। वहीं स्कूल में बन रहे दिव्यांग बच्चों के लिए निर्मित शौचालय के लिए ग्राम प्रधान की तारीफ की।
वहीं धर्मपुर प्राथमिक विद्यालय का भवन नहीं होने पर बीएसए ने अध्यापकों को दो शिफ्ट में स्कूल चलाने का निर्देश दिया। बीएसए संतोष कुमार राय ने बताया की गौरकोठी संविलयन विद्यालय की जांच में बहुत सी खामियां मिली हैं। एक माह में ठीक करने का निर्देश दिया गया है, अगर तब भी ठीक नहीं होता तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।