गोरखपुर। परिषदीय विद्यालयों से बिना सूचना के लंबे समय से गायब रहने वाले शिक्षक अब एसडीएफ के रडार पर होंगे। इन शिक्षकों की सूची तैयार कराई जा रही है। बेसिक शिक्षाधिकारी ने इसकी जिम्मेदारी जिले के सभी खंड शिक्षाधिकारियों को सौंपी है कि वह अपने ब्लाक से गायब रहने वाले शिक्षकों की सूची तैयार करें।
फर्जी अंक पत्र पर परिषदीय विद्यालयों में कर रहे नौकरी
फर्जी अंक पत्र पर नौकरी करने वालों में सर्वाधिक संख्या परिषदीय शिक्षकों की है। इसे लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने विभागीय जांच शुरू की तो अधिकांश शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों से गायब होने लगे। माना जा रहा है कि गायब रहने वाले शिक्षकों की भूमिका संदिग्ध है। एसटीएफ पहले भी गोरखपुर-बस्ती मंडल के दर्जनों फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई कर चुकी है। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने गत 23 नवंबर को ऐसे प्रकरण की समीक्षा की थी। जिसमें उन्होंने बीसएसए को विद्यालयों से गायब रहने वाले शिक्षकाें को चिह्नित करने के निर्देश दिए थे।
चिह्नित शिक्षकों के घर पर भेजी जाएगी नाेटिस
बिना सूचना के लंबे समय से गायब शिक्षकों को चिह्नित करने के बाद खंड शिक्षाधिकारी उनकी सेवा पुस्तिका खंगालेंगे तथा उसमें अंकित उनके निवास पर पंजीकृत डाक से उनकी अनुपस्थिति को लेकर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे।
लापता शिक्षकों को बचाने वालों पर भी रहेगी विशेष नजर
लापता संदिग्ध शिक्षकों को बचाने वालों पर भी विभाग व प्रशासन की विशेष नजर रहेगी। डीएम की सख्ती के बाद से संदिग्ध शिक्षकों में हड़कंप है। शिक्षकों को चिह्नित कर जो सूचना उपलब्ध करानी है उसके तहत शिक्षक व विद्यालय का नाम, विकास खंड, अनुपस्थिति की तिथि कारण आदि शामिल है।
अक्टूबर माह में 121 शिक्षकों का कटा था वेतन
परिषदीय स्कूलों से बिना सूचना के अनुपस्थित रहने वाले 121 शिक्षकों का अक्टूबर माह बेसिक शिक्षा विभाग ने वेतन कटौती की कार्रवाई की थी। साथ ही डीएम के निरीक्षण में बेलघाट विकासखंड के 34 विद्यालयों में कार्यरत 48 अनुपस्थित मिलने वाले शिक्षकों के कार्य आचरण का परीक्षण कर खंड शिक्षाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई थी।
तैयार कराई जा रही सूची
बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर विद्यालयों से गायब रहने वाले शिक्षकों की सूची तैयार कराई जा रही है। ताकि इनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जा सके।