उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा के पांच विषयों की गलत उत्तरकुंजी जारी कर दी। जिस सेट का पेपर नहीं छपा था, आयोग ने गलती से उसी सेट की उत्तरकुंजी जारी कर दी। अभ्यर्थियों ने आपत्ति की तो आयोग ने इसकी जांच कराई और त्रुटि सामने आने के बाद सोमवार को सही उत्तरकुंजी जारी की गई। इन पांच विषयों की संशोधित अनंतिम उत्तरकुंजी पर 21 दिसंबर तक आपत्तियां आमंत्रित की गईं हैं।
प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या-50 के तहत 47 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 2002 पदों पर भर्ती के लिए तीन चरणों में लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। आयोग ने 10 दिसंबर को सभी 47 विषयों की अनंतिम उत्तरकुंजी जारी करते हुए अभ्यर्थियों से 18 दिसंबर तक आपत्तियां आमंत्रित की थीं।
इनमें से पांच विषयों हिंदी, एशियन कल्चर, भू-गर्भ विज्ञान, कीट विज्ञान और अनवांशिकी एवं पादप प्रजनन विषयों की गलत उत्तरकुंजी जारी कर दी गई थी। अभ्यर्थियों की आपत्ति के बाद आयोग ने इन पांच विषयों की संशोधित अनंतिम उत्तरकुंजी जारी करते हुए 21 दिसंबर तक आपत्तियां मांगीं हैं।
दरअसल, आयोग ने विशेषज्ञों से तीन सेट में पेपर तैयार कराए थे और इनमें से एक सेट छापने के लिए भेजा गया था। विशेषज्ञों से तीनों सेट की अलग-अलग उत्तरकुंजी तैयार कराई गई थी। प्रक्रिया गोपनीय होने के कारण आयोग के अफसरों को भी नहीं मालूम होता है कि किस सेट का पेपर छप रहा है और उसकी उत्तरकुंजी कौन सी है। उत्तरकुंजी को एक बंद लिफाफे में रख दिया जाता है।
इन पांच विषयों की उत्तरकुंजी गलत लिफाफे में रख दी गई और परीक्षा के बाद जो उत्तरकुंजी जारी की गई, वह दूसरे सेट की थी और उस सेट का पेपर छपा ही नहीं था। अभ्यर्थियों ने आयोग में आपत्ति दर्ज कराई। आयोग ने विशेषज्ञों से पेपर और उत्तरकुंजी का मिलान कराया तो अभ्यर्थियों की आपत्ति सही साबित हुई। आयोग की सचिव वंदना त्रिपाठी का कहना है कि पांचों विषयों की संशोधित अनंतिम उत्तरकुंजी जारी कर दी गई है। सचिव ने माना कि गलत उत्तर कुंजी जारी हो गई थी।