यूनिफार्म खरीदने के लिए अभिभावकों को जागरूक कर रहे शिक्षक’
जिन अभिभावकों के खातों में पहुंची है धनराशि, उनसे संपर्क करने में जुटे शिक्षक
बर्डपुर में अभिभावकों से स्वेटर और ड्रेस खरीदने के लिए कर रहे अपील
बर्डपुर। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को ड्रेस स्वेटर जूता मोजा आदि की खरीद के लिए सरकार द्वारा अब सीधे अभिभावकों के खातों में 11 सौ रुपये भेज जा रहा है। जबकि जिन अभिभावकों को धनराशि भेजी गई, उनमें अधिकांश बच्चे बिना ड्रेस और स्वेटर के ही स्कूल आ रहे हैं। जिस कारण अब शिक्षकों को अभिभावकों को ड्रेस आदि खरीद करने के लिए जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं।
परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को पहले शासन की तरफ से मिली धनराशि से स्कूल की तरफ से ही ड्रेस आदि खरीद कर उपलब्ध कराया जाता रहा है। इस वर्ष इसकी धनराशि अभिभावकों के खाते में भेजे जाने कई तरह की समस्याएं सामने आ रही है। बर्डपुर क्षेत्र में स्थित प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय बर्डपुर, प्राथमिक विद्यालय हथिहवा एवं पिपरसन और कंपोजिट विद्यालय नंदनगर आदि में अधिकांश बच्चे बिना ड्रेस के स्कूल आ रहे हैं। जबकि इनमें अधिकांश बच्चों के अभिभावकों के खाते में ड्रेस आदि की धनराशि भेज दी गई है।
ठंड में बिना ड्रेस, जूता एवं स्वेटर के स्कूल आ रहे बच्चों के कारण शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है। उच्चाधिकारियों के निरीक्षण में इस तरह के मामले सामने आने पर शिक्षकों को कार्रवाई की चिंता सता रही है। इसी कारण संबंधित विद्यालयों के शिक्षक अभिभावकों के घर जाकर उन्हें मिली धनराशि से ड्रेस, जूता, मोजा, स्वेटर व बैग आदि खरीदने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारी बर्डपुर अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि सभी अध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि वह बच्चों के अभिभावकों से बात करके शत प्रतिशत ड्रेस जूता, स्वेटर आदि खरीद कराएं जिससे सभी बच्चे ड्रेस एवं स्वेटर आदि पहनकर स्कूल आएं।
खेती में खर्च कर रहे धनराशि
ग्रामीण क्षेत्र में जो अभिभावक छोटी जोत के किसान है, वह खाते में आए बच्चों के ड्रेस आदि की धनराशि खेती कार्य में खर्च कर दे रहे हैं। इसके अलावा कुछ अभिभावक त्योहार एवं अन्य सामग्रियों की खरीद में यह धनराशि व्यय कर दे रहे हैं। जिससे बच्चों के ड्रेस एवं स्वेटर आदि की खरीद नहीं हो पा रही है। अब जब बच्चे बिना स्वेटर के स्कूल आ रहे है तो शिक्षकों को डर सता रहा है कि कहीं बच्चों को ठंड न लग जाए।
महंगाई से भी परेशानी
अभिभावकों के खाते में भेजी जाने वाली 11 सौ रुपये की धनराशि से बच्चों को दो जोड़ी ड्रेस, एक जूता, दो जोड़ी मोजा, एक स्वेटर व एक बैग खरीद करनी है। इस धनराशि से इतनी सामग्रियों के खरीद में महंगाई आड़े आ रही है। महंगाई के कारण एक ड्रेस के कपड़े की कीमत कम से कम दो सौ रुपये है तो दो ड्रेस का चार सौ रुपये होगा। जिसकी सिलाई के लिए चार सौ रुपये तक लगेेगा। इसी तरह अन्य सामग्रियों की खरीद करना भी महंगा साबित हो रहा है।