दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्त ने निलंबित होने के बाद बुधवार को भी सत्याग्रह किया। सुबह विश्वविद्यालय परिसर स्थित दीक्षा भवन के सामने बने हेलीपैड पर ही विद्यार्थियों को पढ़ाया, जबकि दोपहर दो बजे से प्रशासिनक भवन पर एक घंटे धरना दिया। धरने पर शिक्षकों के अलावा शिक्षक संघ के दो पूर्व अध्यक्ष भी उनके साथ बैठे। साथ ही छात्रनेताओं ने भी समर्थन दिया।
दरअसल, मंगलवार को प्रो. कमलेश गुप्त को अनुशासनहीनता सहित कई आरोपों में निलंबित किया गया था। साथ ही सात शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया। निलंबन के आदेश के चलते ही प्रो. गुप्त हिंदी विभाग में नहीं गए। सुबह दस बजे उन्होंने बीए प्रथम वर्ष के 39 छात्रों को बुलाकर हैलीपैड पर ही पढ़ाया। बवाल की आशंका को देखते हुए कैंट पुलिस भी सक्रिय रही।
हालांकि प्रो. गुप्त का सत्याग्रह शांतिपूर्वक ही चला। दोपहर दो बजे वे प्रशासनिक भवन स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के पास पहुंचे और धरने पर बैठ गए। उनका धरना एक घंटे चला। धरने के दौरान छात्रसंघ के निवर्तमान अध्यक्ष अमन यादव, शिवशंकर गोंड आदि छात्रनेता भी समर्थन में प्रो गुप्त के साथ धरने पर बैठ गए। इसके बाद शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी, प्रो. अजेय गुप्ता, प्रो. चंद्रभूषण अंकुर भी समर्थन में धरने पर बैठ गए। कुछ देर बाद शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. चितरंजन मिश्र ने भी पहुंचकर समर्थन दिया।
धरने पर बैठने वालों में पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष अशोक चौधरी, मनोज सिंह, जितेंद्र राय, ओमप्रकाश पांडेय, संजय यादव, नरायन दत्त पाठक, दीपक कुमार, भाष्कर चौधरी, गौरव वर्मा, विकास यादव, जनार्दन मिश्र, प्रिंस गुप्ता आदि शामिल रहे।