बेसिक शिक्षा परिषद में 17 हजार सहायक अध्यापकों की नई भर्ती की जाएगी। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को नई भर्ती की घोषणा करते हुए कहा कि भर्ती का विज्ञापन जल्द जारी किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग में रिक्त पदों पर सहायक अध्यापक भर्ती की मांग कर रहे अभ्यर्थियों को सरकार ने चुनाव से पहले बड़ा तोहफा दिया है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर जुलाई 2017 में 1,37,000 शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक पद से समायोजन निरस्त किया गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने सहायक अध्यापकों के 1.37 लाख पदों पर नए सिरे से शिक्षकों की भर्ती का आदेश दिया था। बेसिक शिक्षा विभाग ने 2017-18 में 68,500 सहायक अध्यापकों की भर्ती निकाली थी। इसमें दो चरणों में करीब 48 हजार से अधिक अभ्यर्थी चयनित हुए थे।
2019-20 में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती निकाली गई थी, इसमें भी दो चरणों में लगभग सभी पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो चुकी है। इस तरह विभाग ने अब तक करीब 1,20,000 सहायक अध्यापकों का चयन कर लिया है। डॉ. सतीश द्विवेदी ने बताया कि सरकार ने शेष 17 हजार पदों पर भर्ती का निर्णय किया है। लिखित परीक्षा के जरिये होने वाली भर्ती का विज्ञापन भी जल्द जारी हो जाएगा।
6 हजार अभ्यर्थियों को मिलेगी नौकरी
बेसिक शिक्षा परिषद की 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जाति के आरक्षण निर्धारण में हुई विसंगति दूर कर चयन से वंचित रहे 6 हजार अभ्यर्थियों को नौकरी दी जाएगी। इनकी चयन सूची 30 दिसंबर को जारी होगी। छह जनवरी को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। अभ्यर्थियों के करीब डेढ़ साल के आंदोलन के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 दिसंबर को आंदोलनरत अभ्यर्थियों से बात कर विभाग के अधिकारियों को आरक्षण की विसंगति दूर कर न्यायसंगत समाधान करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद शुक्रवार को बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने मीडिया को विसंगति दूर कर एससी व ओबीसी अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की जानकारी दी।
30 दिसंबर को चयन सूची, छह जनवरी को मिलेगा नियुक्ति पत्र
28 दिसंबर : आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की सूची तैयार होगी।
30 दिसंबर : परीक्षण के बाद चयनितों की सूची राज्य सूचना केंद्र की वेबसाइट पर जारी की जाएगी।
3-5 जनवरी : जिलों में चयनितों के दस्तावेज जांचे जाएंगे।
6 जनवरी : चयनितों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे।
शाह की सभा में हंगामे व नारेबाजी के बाद आए हरकत में
विसंगति को लेकर ओबीसी व एससी अभ्यर्थियों ने लखनऊ के ईको गार्डन में धरना-प्रदर्शन किया। साथ ही, दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों से मिलते रहे। 17 दिसंबर को अभ्यर्थियों ने भाजपा और निषाद पार्टी की संयुक्त रैली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण के दौरान हंगामा और नारेबाजी की।
इसके बाद सरकार और भाजपा हरकत में आई। उसी दिन शाम को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में मंत्री सतीश द्विवेदी को तलब कर मामले की जानकारी ली गई। नेताओं ने उसी दिन स्पष्ट कर दिया था कि कुछ अभ्यर्थियों को चयन से वंचित रखकर ओबीसी वोट बैंक को नाराज करने का जोखिम नहीं ले सकते हैं। इसके बाद आरक्षण के निर्धारण का परीक्षण शुरू हुआ। इसमें सामने आया कि कटऑफ की गलत व्याख्या करने के कारण एससी और ओबीसी के करीब छह हजार अभ्यर्थी चयन से वंचित हुए हैं।