कौंधियारा विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय करमा में कक्षा-तीन के एक छात्र को मारने-पीटने और उसका अंगूठा तोड़ने के आरोप में फंसी प्रधानाध्यापिका रागिनी जायसवाल की दो वेतनवृद्धि रोक दी गई है। साथ ही शिक्षिका को पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका के पद पर भेज दिया गया है। रागिनी पर कई अन्य गंभीर आरोप भी लगे हैं, जिनकी जांच में पुष्टि हुई है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) प्रवीण कुमार तिवारी ने यह कार्रवाई की।
प्राथमिक विद्यालय करमा की प्रधानाध्यापिका रागिनी जायसवाल पर विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों का ऑडियो/वीडियो बनाकर उन्हें परेशान करने, विद्यालय में शिक्षण का माहौल खराब करने, विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों, रसोइयों एवं ग्राम प्रधान के साथ सामंजस्य का अभाव होने के आरोप थे। वहीं, कक्षा-तीन के एक छात्र के अभिभावकों ने लिखित शिकायत की थी कि प्रधानाध्यापिका ने छात्र को मारापीटा और उसका अंगूठा तोड़ दिया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इन आरोपों की जांच की जिम्मेदारी करछना के खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपी थी। आरोपों की पुष्टि होने पर प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया गया था।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निलंबन मामले में कोरांव के खंड शिक्षा अधिकारी राजीव प्रताप सिंह और मऊआइमा की खंड शिक्षा अधिकारी किरन यादव को संयुक्त रूप से जांच की जिम्मेदारी सौंपी। संयुक्त जांच रिपोर्ट में भी आरोपों की पुष्टि हुई है। इन आरोपों की पुष्टि होने के कारण जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाध्यापिका की दो वेतनवृद्धि रोक दी है। साथ ही अकादमिक नेतृत्व क्षमता का अभाव होने के कारण रागिनी जायसवाल को कौंधियारा विकास खंड के पूर्व माध्यमिक विद्यालय, पिपरहटा में सहायक अध्यापक के पद पर बहाल करते हुए तैनाती दी गई है।