इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार से वर्चुअल के साथ फिजिकल सुनवाई भी होगी। यह निर्णय सोमवार को हाईकोर्ट प्रशासनिक कमेटी की बैठक में लिया गया। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अधिकरणों, अधीनस्थ न्यायालयों में सुनवाई के लिए भी गाइडलाइन जारी कर दी है। सभी पीठासीन अधिकारियों को सोशल डिस्टेंसिंग के दिशा निर्देशों को पालन करने निर्देश दिया गया है।
हाईकोर्ट के महानिबंधक आशीष गर्ग द्वारा जारी सूचना में कहा गया है कि अदालतों में केवल निश्चित संख्या में फ्रेश केसों (नए मामलों) की सुनवाई होगी। पुराने मामलों को अग्रिम सूचना के आधार पर सूचीबद्ध किए जाएगा। फ्रेश केसों की सुनवाई रोजाना होगी। आवश्यक मामलों की सुनवाई के लिए अधिवक्ताओं को मेल करना होगा। संबंधित कोर्ट के आदेश के बाद उस पर सुनवाई हो सकेगी। फिजिकल उपस्थिति के लिए अधिवक्ताओं को ई-पास आवंटित होगा।
उसे दिखाने पर ही उन्हें कोर्ट के अंदर जाने की छूट मिलेगी। अधिवक्ता अपने मुकदमे के नंबर पर ही कोर्ट रूम में दाखिल हो सकेंगे। उसकेपहले वे कोर्ट रूम के बाहर खड़े रहेंगे। इस दौरान उन्हें कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा। रजिस्ट्रार की सूचना के मुताबिक अधिवक्ताओं को फिलहाल गाउन न पहनने की छूट दे दी गई है। उधर, अधीनस्थ न्यायालयों, अधिकरणों को जारी निर्देश में कहा गया है कि न्याय कक्षों में एक साथ अधिकतम 10 अधिवक्ता ही उपस्थित रह सकेंगे। मुकदमे की बहस पूरी होते ही उन्हें न्याय कक्ष से बाहर जाना होगा।
नियमित तौर पर करें न्यायालय परिसरों का सैनिटाइजेशन
महानिबंधक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि न्यायालय परिसरों का सैनिटाइजेशन स्वास्थ्य निर्देशों के अनुसार नियमित रूप से किया जाए। जिला न्यायाधीश मजिस्ट्रेट व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों की मदद से न्यायालय परिसर की सफाई सुनिश्चित करेंगे। न्यायिक सेवा केंद्र या किसी अन्य उपयुक्त स्थान को सिविल, आपराधिक या किसी अन्य प्रकार के आवेदन प्राप्त करने के लिए चिह्नित किया जाना चाहिए। ऐसे सभी मामले सीआईएस में पंजीकृत किए जाएंगे। यह व्यवस्था अगले आदेश तक लागू रहेगी। हाईकोर्ट ने कहा है कि आवेदनों में मोबाइल नंबरों सहित अधिवक्ताओं और वादकारियों का विवरण होगा। आवेदन में यदि कोई दोष है तो अधिवक्ता को सूचित किया जाएगा।
अधिवक्ताओं ने वर्चुअली सुनवाई का किया विरोध
हाईकोर्ट में सोमवार से वर्चुअली सुनवाई को लेकर अधिवक्ताओं ने तीखा विरोध किया। मुख्य न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं को मंगलवार से फिजिकल सुनवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद अधिवक्ता शांत हुए। अधिवक्ताओं ने कहा कि वर्चुअली सुनवाई में नेटवर्क की बड़ी समस्या आ रही है। सरवर कनेक्ट नहीं हो पा रहा है, जिससे अधिवक्ता जुड़ नहीं पा रहे हैं। सरकारी अधिवक्ताओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की ओर से भी इस संबंध में आपत्ति जताई गई। बाद में हाईकोर्ट प्रशासनिक कमेटी ने बैठक कर फिजिकल सुनवाई का निर्णय लिया।