उत्तर प्रदेश में रविवार को यूपी टीईटी परीक्षा हुई. यूपीटीईटी का एग्जाम देने के लिए लाखों स्टूडेंट्स अपने परीक्षा केन्द्रों पर समय से पूर्व पहुंच गए.हापुड़ जनपद के एक परीक्षा केंद्र पर कुछ छात्र-छात्राओं को एग्जाम सेंटर में एंट्री नहीं दी गई है. दरअसल, हापुड़ में परीक्षा के लिए कुल 14 केंद्र बनाए गए थे, जिनमें पहली पाली में तकरीबन 7265 परीक्षार्थी व दूसरी पाली में 5336 परीक्षार्थी शामिल हुए.
एक परीक्षा केंद्र पर कुछ स्टूडेंट्स को एंट्री नहीं दी गई, क्योंकि उनकी बीएड मार्कशीट इंटरनेट से निकली हुई थी, जिसको उन्हें अटेस्ट करवाकर लाना था. मार्कशीट अटेस्ट नहीं होने के चलते इन स्टूडेंट्स को सेंटर के अंदर नहीं जाने दिया गया. इसके बाद कुछ छात्र व छात्राएं अपने परीक्षा सेंटर पर पहुंचे उप-जिलाधिकारी से परीक्षा दिलवाने की गुहार लगाते हुए रोते हुए भी नजर आए है.
वहीं, कुछ परीक्षार्थियों व उनके परिजनों ने बताया कि हमें यह जानकारी नहीं थी कि नेट के माध्यम से जो मार्कशीट निकाली गई है उसको अटेस्ट कराकर भी लाना था क्योंकि कोरोना वायरस के चलते ओरिजिनल मार्कशीट हमें नहीं मिल पाई थी. उन्होंने आगे कहा कि ज्यादातर परीक्षार्थियों ने इन्टरनेट से अपनी अंकतालिका डाउनलोड की और उनमें से कुछ परीक्षार्थी इंटरनेट से निकाली गई अंकतालिका को विद्यालय से जाकर अटेस्ट करवाकर नहीं लाए, जिससे वह परीक्षा में बैठने से वंचित रह गए हैं.
इसके अलावा, नोएडा और इटावा में परीक्षा केन्द्र के बाहर कैंडिडेट्स का जोरदार हंगामा देखने को मिला. अभ्यार्थियों ने नोएडा के एलिवेटेड रोड को भी पूरी तरह जाम कर दिया. यूपी टीईटी परीक्षा देने पहुंचे कैंडिडेट्स ने दावा किया कि उन्हें नोएडा में सेक्शन 30 डीपीएस- परीक्षा केंद्र में एंट्री नहीं दी गई. एक उम्मीदवार ने बताया, “हमारे पास सभी दस्तावेज हैं, लेकिन वे चाहते हैं कि हम प्रिंसिपल के हस्ताक्षर पेश करें. अगर संबंधित व्यक्ति इलाहाबाद में है तो कैसे हस्ताक्षर कराए जाएं. “
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यूपी टीईटी की पहली पाली की परीक्षा सुबह 10:00 से दोपहर 12:30 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर बाद 2:30 से 5:00 बजे तक आयोजित की गई. परीक्षा केंद्र पर मोबाइल फ़ोन सहित कोई भी इलेक्ट्रानिक उपकरण साथ लेकर जाने की इजाज़त नहीं दी गई है।