महराजगंज। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के दूसरे चरण में संदिग्ध डाटा सत्यापन के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को विशेष प्रयास करना होगा। वे यह देखेंगे कि 8015 विद्यार्थियों के अभिभावकों का डाटा किस वजह से संदिग्ध प्रदर्शित हो रहा है। जो कमियां है, उसे दूर भी कराया जाएगा।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जिले के लगभग 8015 विद्यार्थियों के डाटा का सत्यापन शिक्षक स्तर पर लंबित बता रहा है। सत्यापन लंबित होने की वजह से विद्यार्थियों का डीबीटी का पैसा उनके अभिभावकों के खाते में नहीं भेजा जा सका है। ऐसे में इन समस्याओं का त्वरित निदान कराने के लिए विभाग ने शिक्षकों को निर्देशित किया है कि वे सत्यापन न होने के कारणों को जानते हुए समस्याओं को दूर कराने का कार्य करें।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओमप्रकाश यादव ने बताया कि अभिभावकों के संदिग्ध डाटा को दुरुस्त किए जाने के संबंध में जिम्मेदारों को निर्देश दिया जा चुका है।—————-ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में ये डाटा लंबितनौतनवां ब्लॉक में 903, लक्ष्मीपुर में 541, निचलौल में 1184, मिठौरा में 663, सिसवां में 243, बृजमनगंज में 538, धानी में 308, फरेंदा में 740, सदर में 766, घुघली में 398, पनियरा में 476 व परतावल में 596 लोगों का डाटा संदिग्ध है। वहीं नगरीय क्षेत्र में आनंदनगर में 81, घुघली में 39, नौतनवा में 136, सदर में 261, निचलौल में 129 अभिभावकों का डाटा संदिग्ध है।