लखनऊ।
एसटीएफ ने बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये हड़पने वाले जालसाज कुशीनगर निवासी रिजवान को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। रिजवान वर्ष 2017 से फरार चल रहा था। उस पर 15 हजार रुपये इनाम घोषित था। वर्ष 2017 में एक युवक और उसकी बहन को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर उसने नौ लाख रुपये हड़पे थे। इन दोनों ने रिजवान के खिलाफ अमरोहा में एफआईआर दर्ज करायी थी।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी लालप्रताप सिंह के मुताबिक उन्हें सूचना मिली थी कि जम्मू-कश्मीर के युवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर रिजवान ने उन्हें लखनऊ बुलाया है। इसके बाद ही इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह व एसआई आलोक राय ने आलमबाग बस स्टेशन के पास रिजवान को गिरफ्तार कर लिया। उसने कुबूला कि वर्ष 2017 में वह और उसके दो साथियों ने अमरोहा निवासी रोहित व उसकी बहन आरती को रेलवे में टीटीई की नौकरी दिलाने का झांस देकर नौ लाख रुपये ले लिये थे। आरती ने इस मामले में अमरोहा में एफआईआर करा दी थी। इसके बाद से ही वह फरार हो गया था। गिरफ्तारी से बचने के लिये वह दिल्ली, नोएडा, जम्मू-कश्मीर में छिपा रहा। अब वह लखनऊ आया था लेकिन पकड़ा गया।
पांच अपराधी जिला बदर
लखनऊ। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने सोमवार को पांच अपराधियों को जिला बदर करने का आदेश दिया। इनमें आलमनगर का अभिषेक यादव उर्फ गोलू, मोहनलालगंज का सूरज पासी, आलमबाग का दानिश वारसी और गुड़म्बा का मुशीर गाजी और उसका भाई नसीम गाजी शामिल है। इन आरोपितों के खिलाफ हत्या, बलवा, जानलेवा हमला करने जैसे मुकदमे दर्ज है। ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी अवधेश सिंह के मुताबिक जिला बदर करने के दौरान अगर ये आरोपी शहर में दिखे तो उन्हें गिरफ्तार करने के साथ और ज्यादा सख्त कार्रवाई की जायेगी।
नौकरी के नाम पर ठगने वाला कुशीनगर से गिरफ्तार
लखनऊ। गोमतीनगर पुलिस ने डाक विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर नियुक्ति कराने का झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाले ठग को कुशीनगर से गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ तीन जुलाई 2021 को मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसके बाद से ही आरोपी फरार थी। गिरफ्तारी के लिए दस हजार का इनाम डीसीपी पूर्वी ने घोषित किया था। एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव के मुताबिक संतकबीर नगर निवासी गुलशन से आरोपी रितेश श्रीवास्तव ने ढाई लाख रुपये लिए थे। उसके गिरोह में मिथिलेश राजभर, बृजेंद्र तिवारी, ऋतिक और अंकित कटियार भी शामिल हैं। यह लोग युवकों को डाक विभाग, आर्मी, एसीआई व बैंक में भर्ती कराने का झांसा देते थे। रुपये ऐंठने के बाद युवकों को जाली नियुक्ति पत्र थमाने के बाद आरोपी गायब हो जाते थे। इसी तरह से गुलशन के साथ भी धोखाधड़ी की गई थी। एसीपी के मुताबिक गिरोह के सदस्य बृजेंद्र को पुलिस ने 15 जनवरी को गिरफ्तार किया था। वहीं, रितेश को तलाश रही थी। जिसे रविवार को पकड़ा गया है।