चंदौली: अब एक क्लिक में गुरुजी (Teachers) के कार्यों का लेखा-जोखा कम्प्यूटर की स्क्रीन पर दिखेगा। मसलन, उन्हें किस दिन क्या पढ़ाना है, छात्रों को स्कूल कार्य किस अध्याय से देना, गृह कार्य में बच्चों को कौन सा पाठ लिखना, पढ़ना अथवा याद कराना, बच्चों ने कितना सीखा आदि का विवरण होंगा। पठन-पाठन के स्वरूप में बदलाव लाने व शिक्षकों के कार्यों की निगरानी के लिए शासन ने यह खास व्यवस्थाएं की हैं।
इसके लिए प्रत्येक शिक्षक Shikshak (Dayri) की डिजिटल डायरी बनेगी। विभाग के अनुसार इसकी शुरुआत नए शिक्षा सत्र यानी अप्रैल से की •जाएगी। बेसिक शिक्षा परिषद ने इस पर होमवर्क शुरू कर दिया हैं। दरअसल, जिले के 1185 परिषदीय विद्यालयों में लगभग 2.35 लाख नौनिहाल पंजीकृत हैं। प्रेरणा, दीक्षा एप के जरिए उन्हें सरल व सुगम शिक्षा दी जा रही। इसके बाद भी शिकायत रहती है कि सरकारी स्कूल के शिक्षक पठन-पाठन में रुचि नहीं लेते हैं। स्कूलों के समय से न खुलने, शिक्षकों की लेटलतीफ की भी शिकायत अधिकारियों के यहां पहुंचती है। ऐसे में शासन ने शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने के लिए डिजिटल डायरी Dijital Dayri बनवाने का निर्णय लिया हैं। इसे लर्निंग पासबुक (Learning Pacebook) का नाम भी दिया गया है। बैंक पासबुक में जिस तरह रुपयों के लेन-देन का हिसाब रखा जाता है, ठीक उसी तरह लर्निंग पासबुक में शिक्षकों के शिक्षण कार्यों का हिसाब • किताब रहेगा। शासन व विभागीय अधिकारी आन-लाइन इस डायरी का अवलोकन कर सकेंगें। विभाग व विशेषज्ञ इस व्यवस्था को लागू कराने के लिए मंथन में जुटे हैं।
मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड होगी डायरी
डिजिटल डायरी में यह व्यवस्थाएं बनाई गई है कि शिक्षकों की ओर से पढ़ाई कराने की हर गतिविधि इसमें उल्लेखित होगी। हर शिक्षक डायरी रोजाना दीक्षा एप के जरिए मानव संपदा पोर्टल (Manav Sampada Portel) पर अपलोड की जाएगी। आन-लाइन, आफलाइन शिक्षण हो या मोहल्ला पाठशाला सभी का ब्यौरा इस डायरी में सुरक्षित रहेगा। प्रत्येक शिक्षक की डिजिटल डायरी सत्र शुरू होने से पूर्व तैयार हो जाएंगी।