लखनऊ : कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी स्कूलों को फिर से खोलने का बड़ा फैसला लिया है। 14 फरवरी यानी सोमवार से राज्य में नर्सरी से लेकर कक्षा आठ तक के सभी सरकारी और निजी स्कूल खुल जाएंगे। अब विद्यार्थियों को भौतिक रूप से कक्षाओं में पढ़ने आना होगा। आनलाइन कक्षाएं नहीं चलेंगी। मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। बता दें कि पिछले सप्ताह कक्षा नौ से लेकर इंटरमीडिएट तक के माध्यमिक स्कूल, विश्वविद्यालय और डिग्री कालेजों को खोलने का फैसला लिया गया था।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी की ओर से सोमवार से सभी स्कूलों को खोलने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया है कि कोविड प्रोटोकाल के साथ सोमवार से सभी स्कूल खोले जाएंगे। अभी तक आनलाइन कक्षाएं चल रही थी, लेकिन अब कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए भौतिक रूप से कक्षाएं शुरू की जाएंगी। अब आनलाइन कक्षाएं नहीं चलेंगी। कोरोना संक्रमण में लगातार आ रही कमी को देखते हुए यह फैसला किया गया है। इन स्कूलों को कोविड प्रोटोकाल का सख्ती के साथ पालन करना होगा।
इससे पहले बीती सात फरवरी को कक्षा नौ से इंटरमीडिएट तक के सभी स्कूल और विश्वविद्यालय व डिग्री कालेजों में भौतिक रूप से कक्षाएं शुरू कर दी गईं थी। इसके बाद से नर्सरी से कक्षा आठ तक के स्कूलों को भी खोलने की लगातार निजी स्कूल मांग कर रहे थे। आखिरकार इन्हें भी खोलने का आदेश गुरुवार को जारी कर दिया गया।
स्कूलों के कक्षाओं के संचालन के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। कक्षाओं की क्षमता के अनुसार 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को बैठाया जाएगा। मास्क अनिवार्य रूप से सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों व कर्मचारियों को लगाना होगा। स्कूल के मुख्य द्वार पर हेल्प डेस्क बनाई जाएगी। यहां इंफ्रा रेड थर्मामीटर, पल्स आक्सीमीटर इत्यादि की मदद से कोरोना के लक्षण वाले लोगों को चिन्हित किया जाएगा। स्कूल परिसर में सैनिटाइजेशन और साफ-सफाई की भी पुख्ता व्यवस्था की जाएगी। कोविड प्रोटोकाल का पालन कर कक्षाएं संचालित की जाएंगी।
जारी की गई गाइडलाइन
स्कूल परिसर में सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है।
यदि किसी को भी जुकाम, बुखार आदि के लक्षण दिखते हैं तो उसे चिकित्सीय सलाह के साथ उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
कोई भी आयोजन तब ही किया जाए जब उसमें फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सकता हो।
सांस्कृतिक गतिविधियों में कोविड प्रोटोकाल लागू होगा।
स्कूलों को प्रतिदिन सेनेटाइज करना होगा।
प्रवेश करते समय शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं की थर्मल स्कैनिंग की जाए।
हाथों को सेनेटाइज कराने की व्यवस्था गेट पर ही की जाए।