प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में स्नातक की परीक्षाएं ऑफलाइन मोड में कराए जाने के निर्णय के विरोध में सोमवार को बड़ी संख्या में छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक कार्यालय का घेराव किया। हंगामे के बीच मौके पर पुलिस फोर्स बुला ली गई।
इविवि प्रशासन के अधिकारियों और छात्रों के बीच तीखी बहस भी हुई। छात्रों को आश्वस्त किया गया कि उनकी मांगें परीक्षा समिति के समक्ष रखी जाएंगी। छात्रों ने चेतावनी दी कि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन तेज होगा।
कुछ दिनों पहले परीक्षा समिति की बैठक में निर्णय लिया गया था कि 22 अप्रैल से स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की परीक्षाएं ऑफलाइन मोड में कराई जाएंगी। निर्णय के बाद इसका विरोध शुरू हो गया। छात्रों का कहना है कि जब पूरे साल ऑनलाइन मोड में कक्षाओं का संचालन किया गया तो ऑनलाइन मोड में ही परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए।
सोमवार से विश्वविद्यालय में स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की ऑफलाइन कक्षाएं भी शुरू हो गई हैं। महीनों बाद परिसर में छात्र इकट्ठा हुए तो ऑनलाइन परीक्षाएं कराए जाने की मांग को लेकर जुलूस निकालने लगे।
छात्रसंघ भवन पर इकट्ठा हुए छात्र अर्थशास्त्र विभाग, राजनीति विज्ञान विभाग, चीफ प्रॉक्टर कार्यालय, डीएसडब्ल्यू कार्यालय होते हुए परीक्षा नियंत्रक कार्यालय पहुंचे।
विवि प्रशासन के आश्वासन के बाद खत्म हुआ धरना
सैकड़ों की संख्या में मौजूद छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक कार्यालय का घेराव शुरू कर दिया और नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। छात्र ऑफलाइन परीक्षाएं कराए जाने का फैसला वापस लिए जाने की मांग पर अड़े थे। हंगामा बढ़ने पर पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई और छात्रों से बात की, लेकिन छात्र इविवि प्रशासन के अफसरों से मिलना चाहते थे।
इस पर चीफ प्रॉक्टर प्रो. हर्ष कुमार और सुरक्षा अधिकारी अजय सिंह प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों के साथ छात्रों से वार्ता करने पहुंचे। कुछ ही देर में परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह भी छात्रों के बीच पहुंचे।
छात्रों को आश्वासन दिया गया कि उनकी मांगों को परीक्षा समिति के समक्ष रखा जाएगा और जो भी निर्णय होगा, दो से तीन दिनों के भीतर छात्रों को उससे अवगत करा दिया जाएगा। हालांकि इसके बाद भी नारेबाजी जारी रही। विश्वविद्यालय प्रशासन के अफसर वहां से लौट गए और छात्रों ने भी कुछ देर बाद घेराव समाप्त कर दिया।