CBSE CTET Result 2022: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के द्वारा केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा-2021 (CTET) सीटेट या सीटीईटी के सफल उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट को नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी में अपलोड करने का निर्णय किया है। इससे पहले दिसंबर 2020 और जनवरी 2021 सेशन के सीटेट प्रमाण-पत्र नैड डिजिलॉकर में अपलोड किए गए थे।
दरअसल, नियुक्तियों के दौरान कई अभ्यर्थियों द्वारा सर्टिफिकेट में जालसाजी और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ के मामले सामने आते हैं। लेकिन नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी में सुरक्षित किए गए दस्तावेजों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। केवल इन्हें शेयर किया जा सकता है। इसलिए सीबीएसई ने सबसे पहले इसे अपनाया था। इसके बाद सीआईएससीई और दिल्ली विश्वविद्यालय ने भी इसका इस्तेमाल किया है।
क्या है नैड और कैसे बनाएं नि:शुल्क आईडी?
केंद्र सरकार ने विद्यार्थियों की परेशानी को देखते हुए एकेडमिक अवॉर्ड्स और दस्तावेजों के लिए नैड यानी नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी पोर्टल की शुरुआत की थी। इस पोर्टल पर मार्कशीट्स और सर्टिफिकेट्स को डिजिटलाइजेशन के जरिये सुरक्षित रखा जाता है। नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और आईडी बनाना पूरी तरह से निशुल्क है। नैड पोर्टल पर उपलब्ध दस्तावेजों को आप 24×7 कभी भी कहीं भी देख और उपयोग कर सकते हैं।
नैड आईडी से होंगे तीन बडे़ फायदे
नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी में सीटेट सर्टिफिकेट अपलोड होने से तीन बड़े फायदे होते हैं। पहला फायदा यह कि मार्कशीट, सर्टिफिकेट में अब किसी प्रकार से कोई टेंपरिंग या छेड़छाड़ नहीं हो पाएगी, क्योंकि ये डिजिलॉकर में पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। जबकि दूसरा फायदी यह कि डिजिलॉकर की नैड यानी नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी आईडी की सुविधा से उम्मीदवारों के लिए मार्कशीट और प्रमाण-पत्रों की बार-बार फोटोकॉपी या प्रिंट आउट कराने का झंझट भी खत्म हो जाता है। वहीं, तीसरा यह कि नौकरी, दाखिले और साक्षात्कार के समय अक्सर नियोक्ताओं को अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का वेरीफिकेशन करना पड़ता है।
विशेष क्यूआर कोड से होता है वेरीफिकेशन
डिजिटल लॉकर वेबसाइट पर नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी आईडी सुविधा का इस्तेमाल करने वाला देश का पहला बोर्ड सीबीएसई बना था। इसने जनवरी 2021 के सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटेट या सीटीईटी) की मार्कशीट और सर्टिफकेट को नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी में जारी किया था। सीबीएसई द्वारा डिजिलॉकर पर अपलोड कर दिए जाने के बाद उनके मोबाइल नंबर पर इनकी सूचना और लॉग इन डिटेल भेजी जाती है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीटेट मार्कशीट और प्रमाण-पत्र पर एक विशेष क्यूआर कोड बनाया जाता है। इस कोड को डिजिलॉकर मोबाइल एप्लीकेशन की मदद से स्कैन करके सर्टिफाइड और वेरीफाई किया जा सकता है।