बोर्ड से प्रदेश के अशासकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के पदों पर चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं। चयन बोर्ड ने चयनित अभ्यर्थियों को स्कूल आवंटित किए, जिला विद्यालय निरीक्षक ने नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिए, लेकिन चयनित अभ्यर्थी जब स्कूलों में ज्वाइन करने पहुंचे तो पता चला कि वहां पद ही खाली नहीं हैं। स्कूलों के प्रबंधन की ओर से गलत अधियाचन भेजे जाने के कारण अभ्यर्थी अब अन्य स्कूलों के लिए चयन बोर्ड के चक्कर काट रहे हैं। टीजीटी-पीजीटी के विज्ञापन वर्ष 2016 के तहत तकरीबन 50 और विज्ञापन वर्ष 2021 के तहत पांच सौ से अधिक अभ्यर्थियों को चयन के बाद भी नियुक्ति नहीं मिल सकी है।
डीआईओएस के स्तर से नियुक्ति पत्र जारी होने के बाद अभ्यर्थी जब आवंटित स्कूलों में ज्वाइन करने पहुंचे तो कहीं, पहले से तदर्थ शिक्षकों की तैनाती तो कहीं प्रमोशन से पद भरे जा चुके थे। कुछ विद्यालयों में स्थानांतरित होकर आए शिक्षकों की वजह से पद भर चुके थे और कहीं मृतक आश्रित कोटे के तहत भर्ती हो जाने से पद रिक्त नहीं थे, जबकि संबंधित विद्यालयों ने पद रिक्त होने की सूचना चयन बोर्ड को भेजी थी और इसी अधियाचन के आधार पर टीजीटी-पीजीटी के रिक्त पदों पर भर्ती की गई थी।
अभ्यर्थी वापस डीआईओएस के पास पहुंचे तो उन्हें निरस्तीकरण पत्र थमा दिया गया। पत्र भी दो प्रकार के जारी किए गए किसी पत्र में अन्य स्कूल का उल्लेख करते हुए अभ्यर्थी को वहां समायोजित करने के लिए चयन बोर्ड को सिफारिश भेज दी गई। अभ्यर्थी अब यह पत्र लेकर चयन बोर्ड के चक्कर लगा रहे हैं।