उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए ईडब्ल्यूएस वेलफेयर बोर्ड का गठन होगा। यह बोर्ड शिक्षण संस्थानों व नौकरियों में ईडब्ल्यूएस आरक्षण संबंधी नियमों के पालन की निगरानी करेगा। यह बोर्ड समय-समय पर पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए सरकार को अपनी सिफारिशें भी देगा। इसमें तकनीकी व शिक्षा विभाग और भर्ती आयोगों के उच्चस्तरीय प्रतिनिधि शामिल होंगे। ऐसा प्रयोग करने वाला यूपी देश का पहला राज्य होगा।
शासन ने दो से तीन दिन के अंदर इस बोर्ड का प्रारूप मांगा है। इसके अनुसार समाज कल्याण मंत्री पदेन अध्यक्ष और समाज कल्याण राज्य मंत्री पदेन उपाध्यक्ष होंगे। शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग, चिकित्सा शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव इस बोर्ड के सदस्य होंगे।
यूपी लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष या उनकी ओर से नामित अधिकारी भी बोर्ड में शामिल होंगे। इस प्रारूप को नई सरकार के गठन के तत्काल बाद होने वाली कैबिनेट में रखे जाने की योजना है।
ईडब्ल्यूएस श्रेणी का लाभ अनारक्षित वर्ग के उन लोगों को मिलता है, जिनकी आय सालाना 8 लाख रुपये सालाना से कम है और एससी, एसटी या ओबीसी श्रेणी में नहीं आता है। उसे सभी शैक्षणिक, तकनीकी संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है