ग्रेटर नोएडा। प्रदेश सरकार ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र सक्सेना को हटा दिया है। उनके खिलाफ शिक्षिकाओं के आर्थिक व मानसिक उत्पीड़न और अमर्यादित व्यवहार की जांच चल रही है। प्राथमिक जांच में आरोप सही मिलने पर शासन ने यह कार्रवाई की है। बीएसए को लखनऊ मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। शासन ने कानपुर डायट के प्राचार्य को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है।
अधिकारियों के मुताबिक, धर्मेंद्र के खिलाफ कुछ शिक्षिकाओं ने शिकायत दी थी। आरोप है कि वे जिले में कार्यरत परिषदीय शिक्षक व शिक्षिकाओं का आर्थिक और मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं। साथ ही, अभद्र और अमर्यादित व्यवहार करते हैं। इसके बाद शासन के आदेश पर दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया। समिति ने अक्तूबर, 2021 में रिपोर्ट सौंप दी थी। जांच में पाया गया कि महिला शिक्षिकाओं की चाइल्ड केयर लीव को पहले बिना किसी कारण अस्वीकृत कर दिया जाता है। फिर स्वीकृत किया जाता है।
वहीं, औचक निरीक्षण के नाम पर शिक्षक-शिक्षिकाओं का आर्थिक व मानसिक उत्पीड़न और अमर्यादित व्यवहार के आरोप भी प्राथमिक जांच में सही मिले। इसके बाद शासन ने मेरठ मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक को पदेन जांच अधिकारी नामित किया। जांच पूरी होने के बाद बुधवार को प्रदेश सरकार ने बीएसए धर्मेंद्र सक्सेना को गौतमबुद्ध नगर से हटा दिया। उन्हें लखनऊ मुख्यालय से अटैच किया गया है। शासन ने दोपहर बाद कानपुर के डायट प्राचार्य को बीएसए का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है।
जिलाधिकारी ने डिप्टी कलेक्टर को सौंप दी थी जिम्मेदारी
शासन की कार्रवाई के बाद जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने डिप्टी कलेक्टर अंकित वर्मा को बीएसए का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया था, लेकिन जैसे ही इसकी सूचना शासन स्तर पर पहुंची तो वहां से तुरंत कानपुर डायट के प्राचार्य को अतिरिक्त कार्यभार सौंपने का आदेश जारी कर दिया गया। करीब 30 मिनट तक डिप्टी कलेक्टर के पास अतिरिक्त कार्यभार रहा।