लखनऊ, ऑपरेशन कायाकल्प में अभी केवल 76.30 फीसदी काम ही पूरा हुआ है जबकि 31 मार्च 2022 तक इसे शत-प्रतिशत पूरा किया जाना था। प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक ऑपरेशन कायाकल्प में वाराणसी व कासगंज सबसे अच्छा काम करने वाले जिलों में अव्वल हैं तो गोरखपुर व सीतापुर में 60 फीसदी से भी कम काम हुआ है। अब समग्र शिक्षा अभियान इसे पूरा करने की समय सीमा 31 मार्च, 2023 तक करने का प्रस्ताव शासन को भेज रहा है।
प्रदेश के 133196 स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प चलाया जा रहा है। इसमें फर्नीचर और दिव्यांगों के शौचालयों को बनाने में सबसे कम काम हुआ है। प्रदेश के 28 फीसदी स्कूलों में ही फर्नीचर पहुंचा है और 27.68 फीसदी स्कूलों में दिव्यांगों के लिए शौचालय बनाए गए हैं। केवल पेयजल, ब्लैकबोर्ड, रंगाई पुताई, विद्युतीकरण, बालकों व बालिकाओं के शौचालय ही ऐसे काम हैं जिनमें 90 फीसदी से ज्यादा काम हुआ है। बाकी सभी बिन्दुओं पर कम काम हुआ है। मसलन, प्रदेश के 69.85 फीसदी स्कूलों में चारदीवारी बनी है तो 54.94 स्कूलों में टाइल्स लग पाई हैं।
ऑपरेशन कायाकल्प की शुरुआत 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी। उस समय 14 बिन्दुओं पर काम किया जाना था। इसे बढ़ाकर 18 और अब 19 मानक तय किए गए हैं। इसके लिए ग्राम पंचायत निधि, खनिज निधि और सीएसआर से जुटाने के निर्देश थे। वहीं सरकार ने फर्नीचर और अन्य मदों में अपने पास से भी बजट दिया है।
शीर्ष 5 जिले
वाराणसी
93.54%
कासगंज
93.30%
मेरठ
88.66%
अयोध्या
88.50%
हाथरस
87.99%