इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर की जिला अदालत में लिपिक रहे विक्रम शर्मा के खिलाफ आपराधिक अवमानना का आरोप निर्मित कर चार दिन में सफाई मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार तथा न्यायमूर्ति यूसी शर्मा की खंडपीठ ने विक्रम शर्मा के खिलाफ चल रही आपराधिक अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है
नैनी केंद्रीय कारागार से पेश शर्मा पर आरोप है कि उसने प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, प्रदेश के मुख्यमंत्री, इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को 15 दिसंबर 16 को शो काज नोटिस बनाम अली जामिन के हवाले से पत्र लिखकर बुलंदशहर जिला कोर्ट के जजों व स्टाफ अमर्यादित टिप्पणी की थी।
चार अप्रैल को होगी पेशी
इसके बाद एक जनवरी 17 को एसएसपी को शिकायती पत्र भेजा था। कोर्ट ने इन आरोपों का जवाब मांगा है और 4 अप्रैल को नैनी जेल से कोर्ट में शर्मा को पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने जेल प्राधिकारियों को आदेश दिया है कि अधिवक्ता को नियमानुसार शर्मा से मिलने दिया जाए।