नोटों पर ‘नेतागिरी’ की तो रिजर्व बैंक रद्द कर देगा
कानपुर। नोटों पर ‘नेतागिरी’ करना अब जेब पर भारी पड़ सकता है। धार्मिक या राजनीतिक नारे लिखे पाए गए नोटों को अब न तो बैंक लेंगे, न ही बदलेंगे। बाजार में भी ऐसे नोट मान्य नहीं होंगे। रिजर्व बैंक की एक अप्रैल को जारी क्लीन नोट पॉलिसी में यह संशोधन किए गए हैं।
आरबीआई के मुख्य महाप्रबंधक संजीव प्रकाश द्वारा जारी संशोधित पॉलिसी के मुताबिक, राजनीतिक या धार्मिक नारों-संदेशों के साथ कोई भी नोट कानूनी निविदा नहीं रह जाएगा। यह सीधे खारिज कर दिए जाएंगे। यदि नाम या कुछ और लिखा मिला तो उसका परीक्षण होगा। अगर सामग्री भेदभाव, विद्वेष फैलाने वाली नहीं है तो उसे लीगल टेंडर माना भी जा सकता है। परीक्षण और निर्णय का अधिकार बैंकों को दे दिया गया है। दाग, धब्बे और रंग लगे नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे और उन्हें बैंकों को बदलना ही होगा। ऐसे नोट बैंक पुन: प्रचलन में नहीं लाएंगे। नए दिशानिर्देशों के अनुसार,बैंक के रीजनल या जोनल मैनेजर औचक निरीक्षण करेंगे।