मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिक्त पदों को भरने का काम तेजी से और समयबद्ध ढंग से बढ़ाने का निर्देश दिया है। उन्होंने चयन वर्ष 2002-23 की सीधी भर्ती से संबंधित पदों का भर्ती प्रस्ताव (अधियाचन) 31 मई से पहले भेजने का निर्देश दिया है। इससे यूपी लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती की कार्यवाही शुरू कर सकेंग
मुख्यमंत्री ने ये निर्देश बृहस्पतिवार को शास्त्री भवन में विविध सेक्टर के विभागों के प्रस्तुतिकरण के दौरान दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सभी विभागीय रिक्तियों को तेजी से भरने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने रिक्त पदों पर चयन के लिए समयबद्ध ढंग से भर्ती प्रस्ताव भेजने की व्यवस्था का निर्देश दिया। कहा, इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की जाए। उन्होंने पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के साथ ही सेवायोजित युवाओं के प्रशिक्षण पर भी प्रभावी कार्यवाही को कहा है। मुख्यमंत्री ने फ ील्ड में तैनात अधिकारियों को अनावश्यक मुख्यालय न बुलाया जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि फील्ड के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रे सिंग के माध्यम से संवाद बनाया जाए।
प्रस्तुतिकरण के बाद मंत्रिमंडल के सदस्यों ने अपने सुझाव भी दिए। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी ने नियुक्ति एवं कार्मिक तथा प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन अमृत अभिजात ने सचिवालय प्रशासन विभाग का प्रस्तुतिकरण किया। बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक सहित मंत्रिमंडल के सदस्य तथा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
100 दिनों में बदलेंगे पटल, 30 सितंबर तक मिल जाएगी पदोन्नति
मुख्यमंत्री ने पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन का हवाला देते हुए अगले 100 दिनों में प्रदेश में कार्मिकों के पटल परिवर्तन की प्रभावी व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि ज्येष्ठता आधारित विभागीय पदोन्नतियों में एकरूपता के लिए उपयुक्तता का मानक निर्धारित किया जाए। उन्होंने समय से पदोन्नति न होने से कार्मिकों के मनोबल पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर का भी संज्ञान लिया। उन्होंने सभी विभागों के निर्देशित किया कि वे सभी विभागीय पदोन्नतियां 30 सितंबर तक सुनिश्चित करें।
इस महीने के अंत तक पांच वर्ष के लिए आएगी स्थानांतरण नीति
योगी सरकार सरकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण की नई नीति जल्द जारी करेगी। यह सरकार के पूरे पांच वर्ष के कार्यकाल के लिए होगी। अमर उजाला ने नई नीति अब तक जारी न होने का मामला प्रमुखता से उठाया था। मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक के लिए वार्षिक स्थानान्तरण नीति अप्रैल महीने के अंत तक जारी करने का निर्देश दिया।
उन्होंने विभागों के सीधी भर्ती के सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य रूप से इंडक्शन ट्रेनिंग की व्यवस्था लागू करने को कहा है। इसके लिए समस्त प्रशासनिक विभागों को इंडक्शन ट्रेनिंग मॉड्यूल और वार्षिक प्रशिक्षण कैलेंडर तैयार करने का निर्देश दिया है।
सचिवालय में पान मसाला पर प्रतिबंध, दलालों के प्रवेश पर रोक
मुख्यमंत्री ने सचिवालय के भवनों में स्वच्छता और साफ.-सफ ाई पर विशेष ध्यान देने को कहा है। उन्होंने सचिवालय भवनों में पान-मसाला व गुटखा आदि वस्तुओं को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया है। इसी तरह सचिवालय भवनों में बिना वैध प्रवेश पत्र के किसी को भी प्रवेश न दिए जाने का निर्देश दिया है।
कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि दलाल प्रकृति के व्यक्ति सचिवालय में प्रवेश न कर सकें। उन्होंने समय से पत्रावलियों के निस्तारण पर जोर देते हुए फिर दुहराया कि पटल पर कोई भी पत्रावली 3 दिन से अधिक लंबित नहीं रहनी चाहिए। सचिवालय भवनों को फ साड लाइटिंग सहित बेहतर लाइटिंग की व्यवस्था से प्रकाशित किया जाना चाहिए।
हर जिले के विकास के लिए बनेगा मॉडल डिस्ट्रिक्ट प्लान
प्रदेश के समग्र विकास के लिए सरकार ने नई योजना तैयार की है। इसके तहत हर जिले के लिए मॉडल डिस्ट्रिक्ट प्लान तैयार किया जाएगा। इसे तैयार करने से पहले हर जिले की समस्याओं का बारीकी से अध्ययन कराया जाएगा। शासन स्तर पर मंथन के बाद प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को यहां एक उच्चस्तरीय बैठक में इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए।
मुख्यमंत्री ने इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए कैबिनेट मंत्रियों को फील्ड में जाने के निर्देश दिए हैं। कैबिनेट मंत्रियों की अध्यक्षता में 18 मंडलों के लिए 18 टीमें गठित कर 18 सप्ताह का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। ये टीमें हर मंडल में 72 घंटे का प्रवास करेंगी। टीमें मंडल के अलग-अलग जिलों का भ्रमण कर लोगों से मिलेंगी। बाद में मंत्रियों की टीमों की रिपोर्ट सभी 75 जिलों के नोडल अधिकारी को दी जाएगी, जिसके आधार पर हर जिले के लिए अलग-अलग मॉडल डिस्ट्रिक्ट प्लान तैयार कराया जाएगा। नोडल अधिकारियों को डिस्ट्रिक्ट प्लान बनाने के बाद 15 दिन के अंदर क्रियान्वयन की योजना प्रस्तुत करनी होगी। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इस योजना को अमलीजामा पहनाने का काम शुरू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले की अपनी-अपनी समस्या है, जिसके लिए यह जरूरी है कि उन समस्याओं का निराकरण स्थानीय आधार पर बनाए गए प्लान के तहत हो। इससे प्रदेश के समग्र विकास की नई इबारत लिखी जा सकेगी।