भेलसर (अयोध्या)। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहालों को मिड-डे मील के नाम पर औपचारिकता पूरी की जा रही है। मेन्यू को दरकिनार कर पटिया भोजन परोसा जा रहा है। भोजन बनाने वाली रसोइयों का मानदेय महीनों से नहीं मिला है। जिससे उनको अपना परिवार पालने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अमर उजाला की पड़ताल में यह बात सामने आई है। प्राथमिक विद्यालय गोगावां में गुरुवार को पंजीकृत 115 छात्रों में 51 उपस्थित रहे। मेन्यू के अनुसार भोजन में रोटी व दाल बनाया जाना चाहिए, लेकिन रसोइयों द्वारा दाल व चावल बनाया जा रहा था विद्यालय के पांचवीं की छात्रा रुबी, उजमा, नीतू, नंदनी कुमारी ने बताया कि फल में एक केला व कई हिस्सों में पपीता काटकर दिया जाता है दूध तो मिलता ही नहीं है। विद्यालय में काम करने वाली रसोइया सुमत कुमारी कहती हैं कि नौ माह से मानदेय नहीं मिला है। इस वजह से उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है। प्राथमिक विद्यालय रोजागांव में सुबह 8:20 बजे 152 में 63 छात्र उपस्थित रहे। रसोइयों द्वारा रोटी, दाल की जगह रोटी, सब्जी बनाई जा रही थी। तीसरी क्लास को अंजली, अनामिका
ममता, अंशिका कहती हैं कि फल के नाम पर केला ही दिया जाता है। विद्यालय की रसोइयां सरोज कुमारी कहती है कि छह महीनों से मानदेय नहीं दिया गया है। जिससे उनको अपना परिवार पालने में दिक्कत हो रही है। प्राथमिक विद्यालय कुदासादात में सुबह नौ बजे पंजीकृत 210 में 107 छात्र उपस्थित रहे। जिनके लिए रसोइयों द्वारा दाल चावल बनाया जा रहा था प्रथम क्लास की छात्रा हुमा रुकमणि, हादिया, इकरा ने बताया कि यहां का भोजन अच्छा नहीं लगता है। कभी कभी फल मिलता है वो भी कटा हुआ दूध मिलता ही नहीं है। विद्यालय की रसोइयां सावित्री देवी, नथुनी देवी, संगीत देवी कहती हैं कि चार माह से मानदेय नहीं मिला है। बड़ी मुश्किल से घर का खर्च चलता हैमेन्यु के अनुसार भोजन न बनाए जाने की जांच की जाएगी। जांच में सही पाए जाने पर कार्यवाई की जाएगी। रही बात रसोइयों के मानदेय को सभी के खाते में नवंबर माह तक का मानदेय भेजा जा चुका है -पंकज कुमार मिश्रा, खंड शिक्षा अधिकारी, रुदौली