मंझनपुर परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए शनिवार को बीएसए की अगुवाई में 17 अफसरों ने जिले भर के 90 विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इनमें से दस विद्यालय ताला बंद मिले, जबकि 80 स्कूलों में तैनात 61 शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक गैरहाजिर मिले ताला बंद स्कूलों के प्रधानाचार्य समेत समस्त स्टाफ के खिलाफ अनुशासनात्मक कारवाई प्रचलित करते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है। इसके अलावा गैरहाजिर शिक्षकों के एक दिन का वेतन रोक दिया गया। परिषदीय स्कूलों के शिक्षक पठन-पाठन में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। शासन की सख्ती के बावजूद उनके स्कूल आने-जाने का कोई चक्त निर्धारित नहीं रहता है। स्कूलों में खामियों को लेकर अमर उजाला ने 20 व 22 अप्रैल के अंक में देर से पहुंच रहे गुरुजी, कैसे संबरे बच्चों का भविष्य व समय से पहले नदारद हो गए शिक्षक, 1.30 बजे से पहले ही स्कूलों में लटक गए ताले शीर्षक से खबरें प्रकाशित की। खबर का असर रहा कि प्रशासन सक्रिय हुआ डीएम सुजीत कुमार ने बीएसए प्रकाश सिंह को अभियान चलाकर स्कूलों का औचक निरीक्षण करते हुए व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया। इस पर बीएसए ने शनिवार को सभी नौ खंड शिक्षा अधिकारियों सातों जिला समन्वयकों के साथ सुबह निरीक्षण पर निकले।
निरीक्षण के लिए खंद शिक्षाधिकारियों के क्षेत्र बदल दिए गए थे बीएसए ने बताया कि शनिवार को जिले भर के 90 विद्यालयों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान स्कूल खुलने के निर्धारित समय साढ़े सात बजे के बजाय 7.40 बजे तक दस विद्यालयों के गेट पर ताले लटकते मिले। जबकि, 80 विद्यालय खुले, लेकिन इनमें तैनात 61 शिक्षक, शिक्षा मित्र व अनुदेशक ड्यूटी से गायब मिले।