प्रयागराज,। गर्मी अब जानलेवा हो चुकी है। स्कूलों में विद्यार्थी बेहोश होकर गिर रहे हैं। शनिवार को कई परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों के बेहोश होने की सूचनाएं मिलीं जबकि एक छात्रा की मौत हो गई। उसकी वजह लू लगना बताया जा रहा है। तापमान प्रयागराज का करीब 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर अभिभावकों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।
प्रतापपुर के उच्च प्राथमिक स्कूल की छात्रा : प्रयागराज जिले में गंगापार स्थित प्रतापपुर विकास खंड में उच्च प्राथमिक विद्यालय सिरसा है। इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक राम लखन मौर्य ने बताया कि कक्षा छह की छात्रा रानी विश्वकर्मा नौ मई तक विद्यालय आई थी। उसी दिन उसकी तबीयत खराब हो गई थी। तब से उसने विद्यालय आना बंद कर दिया।
लू लगने से बीमार थी रानी विश्वकर्मा : प्रधानाध्यापक ने बताया कि 11 मई को रानी विश्वकर्मा के अभिभावकों को फोन कर जानकारी ली तो उसके बीमार होने का पता चला। इस संबंध में छात्रा के पिता दशरथ विश्वकर्मा ने बताया कि बेटी की तबीयत खराब होने पर निजी डाक्टर को दिखाया। उन्होंने लू लगने की बात कही। दवा चल रही थी लेकिन शनिवार को रानी की मौत हो गई।
प्राथमिक विद्यालय बरसैता मेजा के कई बच्चे अचेत हुए : प्राथमिक विद्यालय बरसैता मेजा में भी कई बच्चे बेहोश होकर गिरे। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। एआरपी (एकेडेमिक रिसोर्स पर्सन) मो. हसीब ने बताया कि वह शैक्षिक सपोर्ट के लिए प्राथमिक विद्यालय दयालपुर और प्राथमिक विद्यालय कमनापुर गए थे। लौटते समय तबीयत खराब हो गई। अभी झूंसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। डाक्टरों ने लू लगने की बात कही है।
विद्यालय बंद करने की उठी मांग : प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के जिला संयुक्त मंत्री अफरोज अहमद ने मांग की है कि गर्मी को देखते हुए बच्चों के लिए विद्यालय बंद कर दिया जाए। अध्यापकों को प्रशासनिक कार्य निपटाने के लिए प्रात: आठ से 11 बजे तक बुलाया जाए।
बीएसए बोले- मिडडे मील के बाद बच्चों को घर भेजें : बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि बच्चों की तबीयत खराब होने की सूचनाएं मिली हैं। गर्मी को देखते हुए निर्देशित किया गया है कि मिडडे मील देने के बाद बच्चों को घर भेज दिया जाए। शिक्षक अपने विद्यालयीय कार्य निपटाते रहेंगे।