मथुरा में विभिन्न शिक्षक Teacher भर्तियों में फर्जी प्रमाणपत्र Documents या फिर उनमें हेराफेरी करने वाले शिक्षकों teachers की लिस्ट जनपद में लंबी होती जा रही है। अब एसटीएफ STF ने पांच और शिक्षकों teachers के प्रमाण पत्रों documents में फर्जीवाड़ा पकड़ा है।जनपद में तीन साल पहले फर्जी शिक्षक Teacher भर्ती घोटाला सामने आया था। बगैर चयन प्रक्रिया में शामिल हुए फर्जी नियुक्ति पत्रों के सहारे प्राथमिक विद्यालयों Prathmik vidyalaya में तैनाती पा ली थी। इसकी जांच एसटीएफ STF द्वारा की जा रही है। इसके अलावा कई अन्य भर्तियों में फर्जी प्रमाणपत्र Documents भी जनपद में पकड़े गए हैं। यह जांच भी एसटीएफ STF कर रही है। इन विभिन्न नियुक्तियों में उपयोग किए गए प्रमाणपत्रों documents को लेकर एसटीएफ STF को निरंतर शिकायतें मिल रही हैं।
इन्हीं शिकायतों के आधार पर एसटीएफ STF ने पांच शिक्षकों teachers के प्रमाणपत्रों documents में फर्जीवाड़ा पकड़ा है। इसमें अंशुल गौतम का दिव्यांग प्रमाणपत्र, नरेंद्र कुमार का बीटीसी BTC अंकतालिका आवेदन की तिथि से 8 दिन बाद की मिली है। ये दोनों शिक्षक Teacher संगठनों के जिलाध्यक्ष भी हैं। इनके अलावा भूपेंद्र सिंह के नियुक्ति में टैट का प्रमाणपत्र Documents नियुक्ति के छह माह बाद का मिला है। राजकुमार सारस्वत के शैक्षिक प्रमाणपत्रों documents में इंटर और स्नातक तथा रविंद्र सिंह के शैक्षिक बोर्ड फर्जी पाया गया है।
फिलहाल बीएसए BSA ने उपरोक्त शिक्षकों teachers के वेतन रोकने की कार्रवाई की है। हालांकि एसटीएफ STF की इस कार्रवाई को अप्रभावी बनाने के लिए राजनीतिक घेराबंदी शुरू हो गई है। बीएसए BSA राजेश कुमार ने बताया कि फिलहाल वेतन रोक दिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।