लखनऊ, । राज्य सरकार के दिवंगत कर्मचारी/पेंशनभोगी की शारीरिक व मानसिक नि:शक्तता से ग्रस्त संतान के लिए पारिवारिक पेंशन पाने की शर्त अब आसान कर दी गई है। ऐसी नि:शक्त संतान अब जीवन भर पारिवारिक पेंशन की हकदार होगी यदि अन्य स्रोतों से उसकी कुल मासिक आय मृत कर्मचारी/पेंशनभोगी द्वारा आहरित अंतिम वेतन के 30 प्रतिशत और उस पर स्वीकार्य महंगाई राहत से कम है। शर्त यह भी होगी कि सक्षम चिकित्सा प्राधिकारी ने उसे नि:शक्तता प्रमाणपत्र जारी किया हो।
वित्त विभाग की ओर से इस बारे में बुधवार को शासनादेश जारी कर दिया गया है। राज्य सरकार ने यह कदम केंद्र सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन मंत्रालय के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग की ओर से आठ फरवरी 2021 को जारी किये गए आदेश के क्रम में उठाया गया है। दिवंगत कर्मचारी/पेंशनभोगी की शारीरिक व मानसिक नि:शक्त संतान को पारिवारिक पेंशन के भुगतान के लिए अभी तक यह व्यवस्था थी कि सभी स्रोतों से उसकी मासिक आय 9000 रुपये से कम हो।
छह मंडलों की खरीफ गोष्ठियों की तारीख व स्थान बदला : खरीफ का उत्पादन बढ़ाए जाने के लिए मंडलीय उत्पादकता गोष्ठियां की जा रही हैं। इसमें 18 मंडलों की गोष्ठियां छह मंडल मुख्यालय पर कराया जाना है। कई गोष्ठियां हो चुकी हैं। दो मंडल मुख्यालयों की तारीख व स्थान में बदलाव किया गया है। विशेष सचिव कृषि ऋषिरेन्द्र कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कानपुर, झांसी व चित्रकूट मंडल की उत्पादकता गोष्ठी 26 जून को झांसी में होगी। पहले ये गोष्ठी कानपुर में प्रस्तावित थी। इसी तरह से प्रयागराज, विंध्याचल व वाराणसी की गोष्ठी अब 30 जून को प्रयागराज में होगी, जबकि पहले ये गोष्ठी 21 जून को होनी थी।