इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि अभ्यर्थी को अपनी उत्तर पुस्तिका का निरीक्षण करने का कानूनी अधिकार है। ऐसे में लोक सेवा आयोग परीक्षक की गोपनीयता बरकरार रखते हुए याची को एक माह के भीतर सात दिन की मार्जिन देकर नियत तिथि व समय पर निरीक्षण करने का अवसर प्रदान करे। कोर्ट ने यह आदेश सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के फैसलों के आधार पर दिया है, जिनमें कहा गया है कि ऐसा अवसर देने से जनहित या गोपनीयता प्रभावित नहीं होती। न ही सरकारी कामकाज में व्यवधान उत्पन्न होता है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने मोनेंद्र कुमार की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची का कहना था कि वह लोक सेवा आयोग की कनिष्ठ अभियंता भर्ती 2013 की लिखित परीक्षा की अपनी उत्तर पुस्तिका का निरीक्षण करना चाहता है लेकिन आयोग इसकी अनुमति नहीं दे रहा है। आयोग की ओर से इसका प्रतिवाद नहीं किया गया। इस पर कोर्ट ने उक्त आदेश दिया है।