यूपी में छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सरकारी धनराशि का अब लाभार्थी छात्र-छात्राएं बेजा इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। अभी तक इन लाभार्थी छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में यह सरकारी धनराशि भेजी जाती रही है। तमाम मामलों में यह शिकायतें सामने आती हैं कि लाभार्थी छात्र-छात्रा ने उसके बैंक खाते में भेजी गई छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि निकाल कर खर्च कर डाली और शिक्षण संस्थान की फीस जमा नहीं की।
ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। इसके साथ ही समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति पोर्टल को अब और अपग्रेड कर उसे ज्यादा इण्टरएक्टिव बनाया जा रहा है। सरकारी व अनुदानित शिक्षण संस्थानों के छात्रवृत्ति व फीस भरपाई के आवेदक छात्र-छात्राओं को रूपेकार्ड जारी किया जाएगा, जिसके माध्यम से उनके बैंक खाते में स्थानांतरित की गई धनराशि सिर्फ संबंधित शिक्षण संस्थान ही अपने खाते में स्थानांतरित कर सकेंगे।
इसी तरह गैर अनुदानित व निजी शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं के लिए उनके बैंक खाते में भेजी जाने वाली छात्रवृत्ति व फीस भरपाई का बेजा इस्तेमाल न हो सके इसके लिए भी प्रभावी इंतजाम किये जा रहे हैं। प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण के निर्देश पर पिछले दिनों विभाग के संयुक्त निदेशक पी.के.त्रिपाठी ने इस बार के शैक्षिक सत्र में आवेदन करने वाले तथा पिछले वर्षों में योजना का लाभ पाने वाले छात्र-छात्राओं, शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों और अभिभावकों के साथ संवाद किया। इस संवाद में जो सुझाव आए उसमें सबसे महत्वपूर्ण था विभाग के पोर्टल पर शिकायतों के निस्तारण में पेश आने वाली दिक्कतें।
इन दिक्कतों के निस्तारण के लिए विभाग के पोर्टल के साफ्टवेयर को सुधार कर कुछ ऐसी व्यवस्था की जा रही है जिससे आवेदक छात्र-छात्राएं ई-मेल और फोन के जरिये अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकें और समय से उनका निस्तारण हो सके। इसके लिए हेल्पडेस्क भी बनायी जा रही है।
यही नहीं अगले तीन महीनों के भीतर यह भी तय कर दिया जाएगा कि सामान्य वर्ग के कौन से छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति व फीस भरपाई के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे और कौन नहीं। समाज कल्याण निदेशक राकेश कुमार ने बताया कि विभागीय मंत्री ने छात्रवृत्ति व फीस भरपाई वितरण की पूरी व्यवस्था का और बेहतर ढंग से डिजिटलीकरण किये जाने के निर्देश दिये हैं।