सोनभद्र। शिक्षकों की कमी से जूझ रहे बेसिक शिक्षा विभाग में व्यवस्था अब और लड़खड़ाने वाली है। यहां तैनात करीब चार सौ शिक्षकों का गैर जनपद तबादला किया जाना है। कोर्ट के आदेश पर इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बड़ी संख्या में शिक्षकों के चले जाने से स्कूलों में न सिर्फ छात्र-शिक्षक अनुपात गड़बड़ाएगा बल्कि पठन-पाठन की व्यवस्था भी ध्वस्त हो जाएगी। शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए जूझते अफसरों में चिंता गहराने लगी है।
बेसिक शिक्षा विभाग की मानें तो पांच सितंबर 2018 को 68500 शिक्षक भर्ती के तहत जिले में करीब 399 शिक्षकों की तैनाती हुई थी। यह शिक्षक गैर जनपद तबादले की मांग कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी थी। याचिका दायर करने वाले शिक्षकों का कहना है कि नियमों को दरकिनार कर उनकी तैनाती दूर-दूराज के जनपद में कर दी गई है। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को उच्च मेरिट पाने वाले शिक्षकों को उनके मूल जिले में तैनाती के लिए कहा है। हाईकोर्ट के निर्देश पर निदेशालय ने बेसिक शिक्षाधिकारी को निर्देशित किया था कि उनकी काउंसलिंग कराई जाए। इसके बाद अभिलेखों का सत्यापन किया जाए। सत्यापन के बाद कार्य मुक्त कर दिया जाए। इस आदेश के क्रम में बीएसए ने काउंसिलिंग के लिए खंड शिक्षाधिकारी व पटल सहायक को जिम्मेदारी दी थी, जो पूरी हो गई है। जिले में तैनात 399 शिक्षकों में से 392 के गैर जनपद जाएंगे। इन शिक्षकों के चले जाने के बाद परिषदीय स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था लड़खड़ा जाएगी। जिले के 2061 परिषदीय विद्यालयों में नामांकित 2.70 लाख बच्चों को पढ़ाने के लिए करीब 5200 शिक्षक, 2000 शिक्षामित्र और 510 अनुदेशक तैनात हैं। शिक्षकों के साढ़े तीन हजार से अधिक पद रिक्त चल रहे हैं। अब नए निर्देशों के बाद तबादले से मुश्किल बढ़नी तय है।
हाईकोर्ट और उच्चाधिकारियों के निर्देश के क्रम में काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिले से करीब 392 शिक्षक गैर जनपद जाने वाले हैं। जिले के परिषदीय स्कूलों में वर्तमान में तैनात शिक्षकों से बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा दिलाया जाएगा। शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा पढ़ी भी की जाएगी। – हरिवंश कुमार, बीएसए।