लखनऊ, । लखनऊ समेत प्रदेशभर के लोगों को अब बारशि के लिए और इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अगले दो दिन बाद यानी 19 जुलाई से यूपी में झमाझम बारिश होगी। लाेगों को गर्मी एवं उमस से राहत मिलेगी। मौसम विभाग के मुताबिक, ट्रफ लाइन ने अपनी दिशा दक्षिण से बदलकर उत्तर की ओर की है, जिससे जोरदार बारिश की संभावना बढ़ी है। मानसून ने जून माह में दस्तक दी थी, मगर हल्की बूंदाबांदी के बाद लोग बारिश के लिए तरस गए। प्रदेशभर में भीषण गर्मी की वजह से लोग बेहाल हैं।
वहीं, यह सिलसिला जुलाई में भी जारी रहा। जुलाई माह का 15 दिन बीतने के बाद भी मानसून का असर लोगों को नहीं दिखा। हालांकि, शनिवार को हुई बारिश से लोगों ने थोड़ी राहत जरूर महसूस की होगी। मौसम विभाग की मानें तो तीन वर्ष पहले जुलाई में मानसून आया था। इस बार जून में मानसून ने दस्तक तो लेकिन बारिश ठीक से नहीं हुई। ट्रफ लाइन के अपना रुख साउथ की ओर करने के कारण उत्तर प्रदेश के लोगों का बारिश का इंतजार बढ़ गया।
ट्रफ लाइन की दिशा दक्षिण की ओर होने के कारण गुजरात, महाराष्ट्र समेत कुछ अन्य प्रांतों में मूसलाधार बारिश हो रही है। ट्रफ लाइन की दिशा अब बदल रही है और उत्तर की ओर हो रही है। दिशा बदलने के कारण 19 जुलाई से झमाझम बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि ट्रफ लाइन के दिशा बदलने के कारण 19 से बारिश की संभावना है। 19 जुलाई से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में तेज बारिश की संभावना है। मानसून की ट्रफ लाइन अगर पूरी तरह से उत्तर दिशा की ओर से होकर गुजरेगी तो मूसलाधार बारिश हो सकती है।
वर्ष अधिकतम तापमान न्यूनतम तापमान बारिश चौबीस घंटे में
2020 37़़4 (27 जुलाई) 22़़7 (14 जुलाई) 37़0 (29 जुलाई)
2019 39़2 (05 जुलाई) 22़7 (16 जुलाई) 121़6 (11 जुलाई)
2018 39़7 (07 जुलाई) 23़8 (31 जुलाई) 87़6 (12 जुलाई)
2017 35़9 (18 जुलाई) 23़2 (05 जुलाई) 91़8 (03 जुलाई)
2016 36़2 (11 जुलाई) 22़7 (30 जुलाई) 36़1 (04 जुलाई)
2015 40़2 (05 जुलाई) 23़3 (06 जुलाई) 76़7 (12 जुलाई)
नोट – अधिकतम, न्यूनतम तापमान और बारिश जुलाई माह में किस दिन सबसे अधिक हुई उसका आंकड़ा है।
धान की उत्पादकता होगी प्रभावितः बारिश की कमी के कारण धान की उत्पादकता प्रभावित होने की संभावना है। सेवानिवृत्त संयुक्त कृषि निदेशक सीपी श्रीवास्तव ने बताया धान की रोपाई का समय है। धान को सबसे अधिक पानी की जरूरत है। बारिश कम होने के कारण धान की उत्पादकता प्रभावित हो सकती है। कहा कि किसानों को वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर ज्वार, बाजरा, मूंग, उड़द, तिल और मक्का के बीच का प्रबंधन अभी से कर लेना चाहिए। बारिश कम होने की स्थिति में इन फसलों की बोआई पर ध्यान देना चाहिए।
तापमान में मामूली गिरावटः शनिवार को सुबह नौ बजे के बाद मौसम में बदलाव देखा गया। बादलों की छटा बिखरी रही और दोपहर शुरू होते ही हल्की- हल्की बूंदों के साथ झमाझम बारिश ने मौसम बदल दिया।इंदिरा नगर, हजरतगंज, गोमती नगर, आलमबाग, मुंशीपुलिया, चौक समेत कई जगहों पर बूंदाबांदी समेत हल्की बारिश से मौसम सुहाना हो गया। दोपहर के समय भी बारिश के बाद कभी धूप तो कभी बदली छाई रही। कुछ स्थानों पर छिटपुट बारिश से लोगों ने राहत महसूस की।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार लखनऊ, सीतापुर लखीमपुर खीरी गोंडा बलरामपुर श्रावस्ती बहराइच और आसपास के जिलों में हवाओं के साथ बूंदाबांदी और हल्की बारिश हुई है। बारिश के कारण वायु प्रदूषण में कमी आंकी गई। शनिवार की दोपहर तक वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 64 पर आ गया। शुक्रवार को लखनऊ का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 73 पर दर्ज किया गया था।
बारिश के बाद लखनऊ और आसपास के जिलों में अधिकतम तापमान में कमी आ सकती है। अधिकतम 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के मध्य रह सकता है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान में 18 जुलाई को सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और बहराइच में गरज चमक के साथ भारी बारिश की चेतावनी के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।