केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से दी जाने वाली राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति के लिए उत्तर प्रदेश के 50 प्रतिशत बच्चों का भी चयन नहीं हो सका। राजकीय, सहायता प्राप्त और स्थानीय निकाय के स्कूलों में आठवीं के छात्र-छात्राओं को कक्षा नौ से 12 तक प्रतिमाह एक हजार या प्रतिवर्ष 12 हजार रुपये छात्रवृत्ति दी जाती है।
शिक्षा मंत्रालय हर साल देश के एक लाख मेधावियों को यह छात्रवृत्ति देता है, जिसमें यूपी का कोटा 15143 है। 2022-23 सत्र के लिए 24 अप्रैल को आयोजित परीक्षा में पंजीकृत प्रदेशभर के 27,352 शामिल हुए थे। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से शुक्रवार को घोषित परिणाम में 8152 बच्चे पास हैं। जिलेवार आवंटित सीटों के सापेक्ष 6456 मेधावियों का ही चयन हो सका है। बदले नियम:निर्धारित सीटों के सापेक्ष कम बच्चों का चयन होने से चिंतित शिक्षा मंत्रालय ने इस साल से अभ्यर्थियों की परिवारिक आय सीमा बढ़ा दी है। अब तक डेढ़ लाख परिवारिक आय सीमा वाले बच्चे आवेदन कर सकते थे, लेकिन अब आय सीमा 3.50 लाख कर दी गई है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने छेड़ा है अभियान
यूपी के लिए तय 15143 बच्चों को छात्रवृत्ति का लाभ दिलाने के लिए इस साल से बेसिक शिक्षा विभाग ने अभियान छेड़ा है। मनोविज्ञानशाला की निदेशक ऊषा चन्द्रा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए सभी अर्ह बच्चों से आवेदन पत्र भरवाया जाए। आय एवं जाति प्रमाणपत्र समय से पहले बनवा लें, ताकि इसके चलते कोई बच्चा आवेदन से वंचित न होने पाए।