ग्राम सचिवालय पर मिलेगी जन सुविधा केंद्र की सेवाएं : प्रदेश में ग्राम पंचायतों (ग्राम सचिवालयों) से अब ग्रामीणों को निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र सहित भू अभिलेख सहित ई-डिस्ट्रिक पोर्टल और जन सेवा केंद्र से मिलने वाली सभी 14 सेवाएं ऑनलाइन मिलेंगी। इसके लिए ग्रामीणों को निर्धारित न्यूनतम सेवा शुल्क देना होगा। ग्राम सचिवालय में तैनात पंचायत सहायक जन सेवा केंद्र संचालक के रूप में काम करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोक भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में इसका प्रस्ताव मंजूर किया गया।
पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह ने लोक भवन स्थित मीडिया सेंटर में कैबिनेट बैठक में मंजूर प्रस्तावों की जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम पंचायतों में जन सेवा केंद्र और ई-डिस्ट्रिक पोर्टल के जरिये दी जाने वाली सभी 14 सेवाओं के साथ उन सेवाओं को भी जोड़ा जाएगा जो फिलहाल पोर्टल पर नहीं है लेकिन भविष्य में आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। जन सेवा केंद्र संचालक को मिलने वाला सेवा शुल्क ग्राम पंचायत के खाते में पंचायत की आय के रूप में जमा किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश की 58,189 ग्राम सचिवालयों में से 56,366 में पंचायत सहायकों को चयनित और प्रशिक्षित कर तैनात किया है। उन्होंने बताया कि पंचायतों को कंप्यूटर और इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ग्रामीणों को आवश्यक दस्तावेज और प्रमाण पत्र ग्राम सचिवालय में पंचायत सहायक के जरिये मिल सके इसकी व्यवस्था बनाई जाएगी।
एमएसएमई के जरिये खरीदे जाएंगे दो करोड़ राष्ट्रीय ध्वज
आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर हर घर तिरंगा फहराने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग (एमएसएमई) के जरिये दो करोड़ राष्ट्रीय ध्वज खरीदे जाएंगे। एक ध्वज की कीमत 20 रुपये निर्धारित की गई है। डेढ़ करोड़ राष्ट्रीय ध्वज का खर्च 30 करोड़ रुपये पंचायतीराज विभाग और 50 लाख ध्वज का खर्च 10 करोड़ रुपये नगर विकास विभाग वहन करेगा। मंगलवार को लोक भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में संबंधित प्रस्ताव को मंजूर किया गया।
पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव पर 11 से 17 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान के तहत प्रदेश में करीब साढ़े चार करोड़ राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाएंगे। इनमें से दो करोड़ ध्वज एमएसएमई के जरिए खरीदे जाएंगे। शेष ध्वज विभिन्न स्वयं सहायता समूहों, स्वयं सेवी संगठनों और निजी सिलाई केंद्रों से खरीदे जाएंगे।
उन्होंने बताया कि पंचायतीराज विभाग को इसी महीने राज्य वित्त आयोग के तहत 600 करोड़ रुपये मिलेंगे। इनमें से 30 करोड़ रुपये का भुगतान एमएसएमई को डेढ़ करोड़ ध्वज के लिए किया जाएगा। शेष 15 प्रतिशत जिला पंचायतों, 15 प्रतिशत राशि क्षेत्र पंचायतों और 30 प्रतिशत राशि ग्राम पंचायतों को जारी की जाएगी।
इसी प्रकार नगरीय निकायों को राज्य वित्त आयोग से मिलने वाली राशि में से नगरीय क्षेत्रों के लिए 50 लाख झंडे बनवाए जाएंगे। नगर नगरीय निकाय निदेशक निकायों को मिलने वाली राशि में से जनसंख्या के अनुपात में कटौती करते हुए 10 करोड़ रुपये एमएसएमई विभाग देंगे।
दिल्ली एनसीआर में यात्री वाहनों को नहीं भरना होगा अतिरिक्त कर
दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों के लिए कैबिनेट की बैठक में अहम फैसला लिया गया है। यहां के लोग यात्री वाहनों में यूपी से दिल्ली, दिल्ली से हरियाणा और राजस्थान के एनसीआर में बिना किसी रोक टोक के आसानी से आ जा सकेंगे। नई व्यवस्था के तहत अब दिल्ली एवं एनसीआर में टैक्सी, ऑटो, स्कूल बस आदि पर कर या अतिरिक्त कर नहीं लगेगा। न ही उधर से आने वाले वाहनों पर यूपी एनसीआर में अतिरिक्त टैक्स लिया जाएगा। बैठक में सीआरसीटीए (संयुक्त आपसी सार्वजनिक यातायात अनुबंध) को लागू कर दिया गया है।
मंगलवार को हुई योगी कैबिनेट की बैठक में अहम फैसला लिया गया। परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत अब दिल्ली, एनसीआर में जाने पर यात्री वाहन जैसे टैक्सी, कैब, ऑटो रिक्शा, शैक्षणिक संस्थान के वाहन, स्कूल बस आदि या नगर बस सेवाओं को अतिरिक्त टैक्स नहीं देना होगा। उनका टैक्स यूपी में जमा है तो वहां अतिरिक्त टैक्स देने की आवश्यकता नहीं है। इसी तरह से यूपी के एनसीआर शहरों में आने के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान आदि के एनसीआर यात्री वाहनों को यहां टैक्स नहीं देना होगा।
ये हुआ ज्वाइंट परिवहन समझौता
दिल्ली, हरियाणा, यूपी व राजस्थान राज्य सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आवागमन करने वाले यात्री वाहनों की निर्बाध आवाजाही के लिए एक समझौता किया है। सिंगल प्वांइट कराधान के इस समझौते के तहत सीआरसीटीए किया गया। इसके तहत इन राज्यों के यात्री वाहनों को टैक्स में राहत मिली है। चारों राज्यों ने कॉन्ट्रैक्ट कैरिज और 6 से ज्यादा यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों को शामिल करते हुए यह समझौता किया है।
यूपी को 12 करोड़ सालाना का नुकसान
परिवहन मंत्री ने बताया कि इस निर्णय केबाद केवल यूपी को ही सालाना 12 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है लेकिन जनता को इससे सहूलियत मिलेगी। एक जगह यदि उन्होंने टैक्स जमा किया है तो वह दूसरी जगह टैक्स नहीं देंगे। माना जा रहा है कि सभी राज्यों को इससे कुल 100 करोड़ रुपये सालाना का नुकसान होगा। बावजूद इसके यातायात को सुगम करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
आगरा में मेट्रो स्टेशन के लिए दी जाएगी दक्षिणांचल विद्युत निगम की जमीन
राज्य सरकार ने आगरा में बिजलीघर चौराहे पर जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के लिए दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की जमीन उ.प्र. मेट्रो रेल कार्पोरेशन को हस्तांतरित करने को हरीझंडी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
उ.प्र. मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने आगरा में जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के लिए दक्षिणांचल विद्युत निगम के कब्जे वाली जमीन के साथ-साथ दक्षिणांचल निगम को लीज पर दी गई रक्षा संपदा की जमीन हस्तांतरित करने करने का अनुरोध किया था। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि आगरा में मेट्रो स्टेशन के लिए तीन-चार एकड़ जमीन दी जानी है। इसमें कुछ जमीन स्थायी और कुछ अस्थायी रूप से दी जाएगी।
अपर जिला पंचायत राज अधिकारी के नए पद सृजित
योगी कैबिनेट ने पंचायतीराज विभाग में अपर जिला पंचायत राज अधिकारी के पदों को वर्गीकृत कर अपर जिला पंचायत राज अधिकारी, अपर जिला पंचायत राज अधिकारी (प्राविधिक) और अपर जिला पंचायत राज अधिकारी (पंचायत उद्योग) के नए पद सृजित करने को मंजूरी दी है।
पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 2017 में अपर जिला पंचायत राज अधिकारी के 75 पद सृजित किए गए थे। इन पदों को सहायक विकास अधिकारी पंचायत की पदोन्नति से भरने का प्रावधान है। वहीं जिला पंचायतराज अधिकारी के पद पर पदोन्नति सहायक विकास अधिकारी पंचायत, पंचायत निरीक्षक उद्योग और सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी (प्राविधिक) से की जाती है। इन सभी का वेतनमान भी अलग-अलग है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत राज अधिकारी के पदोन्नति पदों में एक समानता लाने के लिए तीनों संवर्गों में एक समान वेतनमान के पद सृजित किए जा रहे है।
उन्होंने बताया कि जिला पंचायतराज अधिकारी (ग्रेड पे 4600) को संशोधित कर अपर जिला पंचायत राज अधिकारी के 63 पद, अपर जिला पंचायत राज अधिकारी (प्राविधिक) के 8 पद और अपर जिला पंचायत राज अधिकारी (पंचायत उद्योग) के 4 पद सृजित किए गए हैं। इसका शासनादेश जारी होने के बाद जिला पंचायतराज अधिकारी की नियमावली में आवश्यक संशोधन किया जाएगा। अपर जिला पंचायतराज अधिकारी की नियमावली बनाई जाएगी।
सदन के पटल पर रखी जाएगी चित्रकूट जेल शूटआउट कांड की रिपोर्ट
पिछले साल 14 मई को चित्रकूट जिला जेल में हुए शूट आउट की रिपोर्ट सदन क पटल पर रखी जाएगी। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में गृह विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। 14 मई 2021 को चित्रकूट जेल में हुए शूटआउट में जेल में बंद मुकीम काला, मेराज अहमद और अंशू दीक्षित की मौत हो गई थी। इस पूरे मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्ति न्यायाधीश शशिकांत की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था। आयोग की रिपोर्ट को कमीशन आफ इंक्वायरी एक्ट 1952 की धारा 3 की उप धारा 4 के तहत सदन के पटल पर रखा जाएगा।
ललितपुर में बनेगी दो हाई सिक्योरिटी जेल
कैबिनेट ने ललितपुर में दो नई जेल बनाने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत ललितपुर में 2000 कैदियों की हाई सिक्योरिटी जेल और 1500 कैदियों की सामान्य जेल बनाई जाएगी। अभी तक ललितपुर में एक छोटी जिला जेल है, जिसकी क्षमता मात्र 180 कैदियों की है। अपर मुख्य सचिव कारागार अवनीश अवस्थी ने बताया कि ललितपुर के अलावा इटावा में बनकर तैयार नई केंद्रीय कारागार के विभिन्न मदों के बकाए के भुगतान को भी मंजूरी दे दी गई है।
विद्यार्थियों कोे यूनिफॉर्म व स्टेशनरी के लिए जल्द मिलेगा पैसा
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के बच्चों को वर्तमान सत्र में निशुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग व स्टेशनरी खरीदने के लिए जल्द ही राशि मिलेगी। इसके लिए निर्धारित 1200 रुपये अभिभावकों के खातों में डीबीटी के माध्यम से भेजे जाएंगे। इससे संबंधित बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
इस योजना से कक्षा 1 से 8 तक के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के साथ सहायता प्राप्त स्कूलों के करीब दो करोड़ छात्र-छात्राओं को फायदा मिलेगा। प्रस्ताव के मुताबिक दो जोड़ी यूनिफॉर्म के लिए 600 रुपये, स्कूल बैग के लिए 175 रुपये, जूते-मोजे के लिए 125, स्वेटर के लिए 200 रुपये और स्टेशनरी के लिए 100 रुपये दिए जाएंगे। अभिभावकों अपनी सुविधा के अनुसार ये सामग्री कहीं से भी खरीद सकेंगे। कैबिनेट ने केंद्रांश की प्रतीक्षा किए बिना निशुल्क यूनिफॉर्म, स्टेशनरी आदि की राशि की अग्रिम वित्तीय स्वीकृति वित्त विभाग से जारी किए जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है। इससे अभिभावकों को समय से राशि भेजी जा सकेगी। भविष्य में किसी प्रक्रिया या दरों में परिवर्तन के संबंध में निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।