मऊ। बेसिक शिक्षा विभाग से संबद्ध परिषदीय विद्यालयों में फर्जी शैक्षिक अभिलेखों के आधार पर नौकरी करने वाले रतनपुरा ब्लाक क्षेत्र के चकरा स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. संतोष कुमार सिंह ने बखास्त कर दिया है। बखास्तगी को कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप की स्थिति रही।
शासन प्रशासन के जांच पड़ताल होने के बाद भी जिले के कई परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षक कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करते नजर आ रहे हैं। रतनपुरा ब्लाक क्षेत्र के चकरा स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक प्रदीप कुमार जायसवाल के बीएड का फर्जी अंक पत्र और प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी करने का शिकायती पत्र जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को मिला। मामले को गंभीरता से लेते हुए बीएसए ने सहायक अध्यापक के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन कराने के लिए भेजा। सहायक अध्यापक की तैनाती वर्ष 2005 में तत्कालीन
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश से हुई थी। दीनदयाल गोरखपुर विश्वविद्यालय से आई सत्यापन रिपोर्ट में बीएड का अंकपत्र तथा प्रमाण पत्र फर्जी मिला सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद शिक्षक को कई अवसर प्रदान किया गया। लेकिन सही तथ्य प्रस्तुत करने में असफल रहे।
बीएसए ने तैनात सहायक अध्यापक प्रदीप कुमार जायसवाल को बर्खास्त कर दिया। इस बाबत बीएसए डॉ. संतोष कुमार सिंह का कहना है कि सत्यापन में बीएड का अंक पत्र फर्जी मिलने पर सहायक अध्यापक प्रदीप कुमार जायसवाल को बर्खास्त कर दिया गया एफआईआर दर्ज कराने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया गया है।
बीएसए ने कहा कि सहायक अध्यापक के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन कराने के लिए भेजा गया जिसमें बीएड का अंकपत्र फर्जी मिलने पर सहायक अध्यापक पर कार्रवाई की गई।