खतौली स्कूल में बच्चों के लिए एनजीओं की ओर से भेजा गया मिड डे मील खाने से एक बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद प्रधानाध्यापक ने बच्चों को खाना खाने से रोक दिया और भोजन को फेंक दिया। बीमार बच्चे को निजी चिकित्सक के यहां उपचार दिलाने के बाद घर भेज दिया गया प्रधानाध्यापक ने पत्र लिखकर उच्चाधिकारियों से भोजन की जांच कराने की मांग की है।
ढाकन चौक के निकट स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय कानून गोयाननगर क्षेत्र में कक्षा एक से कक्षा आठ तक 216 बच्चे पढ़ते हैं। सोमवार को एक अध्यापिका छुट्टी पर थी, दूसरी अध्यापिका तहसील गई थीं। सभी बच्चों को प्रधानाचार्य सचिन कुमार देख रहे थे। इसी बीच बालाजी एनजीओ की ओर से मिड डे मील भेजा गया। स्कूल में 84 बच्चों का खाना लिया गया खाने को पंक्ति में कक्षा पांच का बच्चा फरहान सबसे आगे बैठा था। खाना वितरण होने के बाद कुछ बच्चों ने प्रधानाध्यापक से बताया कि खाने में दुर्गंध आ रही है। यह बात सुनकर प्रधानाध्यापक सचिन कुमार रसोईघर में पहुंचे।
उन्होंने वहां पर रखे पैकेट खोलकर रोटी को खाकर देखा तो रोटी खट्टी थी रोटियों पर फफूंदी भी लगी हुई थी। इस पर प्रधानाध्यापक ने बच्चों को खाना खाने से रोक दिया। इसी बीच फरहान की तबीयत खराब हुई और उसे उल्टी होने लगी। बच्चे का निजी चिकित्सक के यहां उपचार कराया गया। प्रधानाध्यापक सचिन कुमार ने एबीएसए को लिखित में खाना अदबूदार और खराब होने की सूचना दो है। उन्होंने बताया कि भोजन दूषित था। जिसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई है।