प्रदेश सरकार ने गरीबों को मुफ्त राशन वितरण बंद करने बाद चार दशक पुरानी व्यक्तिगत शादी अनुदान योजना भी बंद कर दी है। समाज कल्याण विभाग ने संबंधित पोर्टल से इस योजना को हटाने के लिए एनआईसी को पत्र लिखा है, ताकि इसके लिए आवेदन न आएं। इस योजना के तहत सभी वर्गों के गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की बेटियों की शादी के लिए एकमुश्त 20 हजार रुपये दिए जाते थे।
इस योजना के तहत आमतौर पर एक वित्तीय वर्ष में अनुसूचित जाति के लिए 100 करोड़, सामान्य के लिए 50 करोड़, ओबीसी के लिए 200 करोड़ व अल्पसंख्यक के लिए 70 करोड़ रुपये तक का प्रावधान रहता था। इसका लाभ गांवों में 46080 रुपये व शहरों में 56560 रुपये सालाना आय वाले परिवार ले सकते थे। विभाग के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने बताया कि वे नौकरी में 1984 में आए थे, तब भी व्यक्तिगत शादी अनुदान योजना चल रही थी।
सामूहिक विवाह योजना पर ज्यादा फोकस
संबंधित अधिकारियों के अनुसार यह फैसला मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना पर फोकस करने के लिए लिया गया है। इस योजना का लाभ दो लाख रुपये सालाना तक आय वाले परिवार ले सकते हैं। चालू वित्त वर्ष में इस योजना का बजट 250 करोड़ से बढ़ाकर 600 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसलिए व्यक्तिगत शादी अनुदान के तहत पहले चार माह के लिए जो बजट मिला था, उसे भी जारी न करने को कहा गया है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में माह में दो बार मुफ्त राशन बंट रहा था। एक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश सरकार द्वारा नियमित राशन वितरण तो दूसरा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में। अब एक योजना में कार्ड धारकों को राशन का पैसा देना होगा। इस योजना में प्रदेश सरकार ने पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी है। जुलाई माह का राशन 25 अगस्त से 31 अगस्त के बीच बांटा जाएगा। इसके लिए कार्डधारकों को गेहूं दो रुपये प्रति किलो व चावल तीन रुपये प्रति किलो की दर से दिया जाएगा। सभी जिला पूर्ति अधिकारियों को भी इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
खाद्य एवं रसद विभाग के अपर आयुक्त अनिल दुबे ने बताया कि इस योजना में नेफेड के तहत मिल रहा एक किलो नमक, एक किलो चना, रिफाइंड आदि मुफ्त में ही दिया जाएगा लेकिन राशन का पैसा देना होगा। इस योजना में पात्र गृहस्थी लाभार्थी कार्ड पर प्रति यूनिट पांच किलो (दो किलो गेहूं व तीन किलो चावल) जबकि अंत्योदय कार्ड पर प्रति कार्ड 35 किलो (14 किलो गेहूं व 21 किलो चावल) राशन दिया जाता है। प्रदेश में पात्र गृहस्थी लाभार्थी यूनिट संख्या लगभग 14.97 करोड तथा अंत्योदय कार्ड धारक यूनिट संख्या लगभग 1.31 करोड़ है।