मुरादाबाद। चचेरे भाई की गैर इरादतन हत्या के मामले में अदालत ने एक शिक्षक को दोषी करार देते हुए दस साल के कारावास की सजा सुनाई है तीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जबकि दोषी की पत्नी को कोई ठोस सबूत न होने के कारण बरी कर दिया गया।
छजलैट थानाक्षेत्र के फत्तेहपुर विश्नोई गांव निवासी अमित कुमार 13 अक्तूबर 2017 को छजलैट में केस दर्ज कराया था। जिसमें बताया था कि वह अपने पिता कृष्ण कुमार सिंह के साथ खेत की सिंचाई करने जा रहा था। हाईवे पर तहेरा भाई प्रभाकर पुत्र नरदेव सिंह और प्रभाकर की पत्नी कमलेश खड़े थे प्रभाकर के हाथ में लाइसेंसी बंदूक थी। इसी दौरान बादी का छोटा भाई अतुल अपनी कार से वहां से गुजर रहा था तब प्रभाकर ने उसे रुकने का इशारा किया। अतुल ने कार रोकी और नीचे उतरा।
इसी दौरान कमलेश के कहने पर प्रभाकर ने अतुल को गोली मार दी। गोली की आवाज पर आसपास के लोग और पुलिस वाले आ गए। घायल अतुल को मुरादाबाद स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उपचार के दौरान 15 अक्तूबर को अतुल की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर प्रभाकर और कमलेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया आरोपी प्रभाकर था आशियाना कालोनी में परिवार के साथ रहकर निजी स्कूल में संस्कृत पढ़ाता था।
इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम ज्ञानेंद्र सिंह यादव की अदालत में की गई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कौशल गुप्ता ने बताया कि मुकदमे के दौरान गवाहों के बयानों से हत्या की पुष्टि नहीं हुई। बल्कि यह मामला गैर इरादतन हत्या का सामने आया।
पुश्तैनी जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद चल रहा था। अदालत ने पत्रावली पर उपलब्ध सुबूतों के आधार पर हत्या के मामले को गैर इरादतन हत्या मानते हुए अपना फैसला सुनाया। मुलजिम प्रभाकर को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराते हुए उसे दस साल के कठोर कारावास के साथ ही तीस हजार रुपये का जुर्माना लगाया कमलेश के खिलाफ कोई ठोस सबूत न होने के कारण उसे बरी कर दिया है।