माध्यमिक शिक्षा विभाग 1395 नए शिक्षकों की राजकीय विद्यालयों में ऑनलाइन तैनाती करने जा रहा है, लेकिन ये सभी जिलों में नहीं होगी। अधिकांश जिलों में शिक्षकों की कमी से जूझ रहे विद्यालयों में अभी पद खाली ही रहेंगे। विभाग का कहना है कि पदोन्नति व नई भर्ती होते ही बाकी खाली पदों पर भी भर्ती की जाएगी। वहीं शिक्षक संघ का कहना है कि चुनिंदा जिलों की बजाय पहले खाली विद्यालयों के पद भरे जाने चाहिए।
स्थिति यह है कि वर्तमान में विभिन्न जिलों में कुछ विद्यालय ऐसे हैं, जहां मानकों के अनुसार जरूरत के आधे से भी कम शिक्षक हैं। कुछ विषयों में तो बिना शिक्षकों के पढ़ाई हो रही। लखनऊ के कुछ विद्यालयों का भी यही हाल है। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय कहते हैं कि बड़े जिले तो छोड़िए छोटे जिलों का और बुरा हाल है। महोबा में चिराग लेकर ढूंढने पर लेक्चरर मिलेगा। बुंदेलखंड में हमीरपुर के कुरारा इंका. में छात्र संख्या तो बहुत ज्यादा है, लेकिन शिक्षकों के पद खाली हैं।
सोनभद्र में भी कुछ कॉलेजों को छोड़कर बाकी में पद खाली हैं। उन्होंने सवाल किया है कि शासन या सरकार की प्राथमिकता में जिलेवार खाली पद भरने की बजाय सबसे पहले ज्यादा शिक्षकों की कमी से जूझ रहे विद्यालय क्यों नहीं हैं? एक तरफ नियमों का हवाला देकर ऑनलाइन महज कुछ जिलों में नियुक्ति की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ ऑफ लाइन तबादले मनमर्जी किए गए हैं। शिक्षकों का सवाल है कि ये कहां का न्याय है? अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) केके गुप्ता का कहना है कि शासन की व्यवस्था के अनुसार जिलों में शिक्षकों की तैनाती की जा रही है। लखनऊ समेत जिन विभिन्न जिलों के विद्यालयों में दिक्कत है, वहां भी जल्द पदोन्नत हुए शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।
लखनऊ वीवीआईपी है इसलिए अभी पद खाली रहेंगे
शिक्षा विभाग ने लखनऊ, गाजियाबाद व नोएडा जिले को वीवीआईपी कैटेगरी में दर्ज कर रखा है। इसलिए यहां सभी जिलों के साथ नई नियुक्ति नहीं की जा रही। यह स्थिति तब है जब लखनऊ के कुछ विद्यालयों में जबरदस्त शिक्षकों की कमी है। यहां मांग के बावजूद खाली पदों पर शिक्षक नहीं भेजे जा रहे। जानकारों का कहना है कि पूर्व के एक आदेश के तहत यहां विशेष आदेश से ही तैनाती का प्राविधान