गोरखपुर, निलंबित शिक्षकों के प्रकरण के निस्तारण में अब हीलाहवाली नहीं चलेगी। इसका समय से निस्तारण करना होगा। शासन ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए बीएसए को निलंबित शिक्षकों के प्रकरण का पंद्रह दिन में जांच कर निस्तारित करने का निर्देश दिया है। समीक्षा में निलंबित शिक्षकों के प्रकरण निलंबित मिलने पर यह कदम उठाया गया है। यानी समय से ज्यादा निलंबन रखा तो संबंधित अधिकारी खुद कार्रवाई की जद में आएंगे।
एक दर्जन से अधिक शिक्षक हो चुके हैं निलंबित
जनपद में निलंबित शिक्षकों की संख्या पर नजर डाले तो यहां ऐसे शिक्षकों की संख्या करीब एक दर्जन से अधिक है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि लंबे समय तक निलंबन या फिर जांच की कार्रवाई चलते रहना विभाग और शिक्षक दोनों के लिए अहितकर है। इससे जहां शिक्षकों की कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है वहीं विभाग भी शिक्षक की सेवाओं का लाभ नहीं ले पाता। निलंबन की समय सीमा तय है। इसके बाद निलंबन खत्म किया जाना चाहिए। निर्देश में उन्होंने कहा है कि निलंबन के सभी मामलों की जांच करते हुए 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट भेजी जाए। यदि किसी का भी निलंबन समय सीमा से ज्यादा है तो उसकी समीक्षा भी करें.
तय प्रारूप पर देनी होगी जानकारी
बीएसए को निलंबित शिक्षकों से संबंधित जानकारी राज्य परियोजना को तय प्रारूप उपलब्ध करानी होगी। इनमें उन्हें निलंबित शिक्षक व विद्यालय का नाम, जांच अधिकारी का नाम, जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने की तिथि व शिक्षक को बहाल न करने का कारण भी बताना होगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने निलंबित शिक्षकों की सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। जिसकी सूचना जल्द से जल्द तैयार कर निर्धारित समय सीमा के अंदर उपलब्ध कराई दी जाएगी।