नई दिल्ली, देश में मंगलवार से डिजिटल करंसी ई-रुपया का पायलट प्रोजेक्ट का सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया। पहले दिन थोक खंड में सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट 24 लेनदेन किए गए जिनकी कीमत 2.75 अरब रुपये रही।
रिजर्व बैंक की तरफ से हिन्दुस्तान को मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय बैंक डिजिटल करंसी (सीबीडीसी) यानी ई-रुपया में पहले दिन हुए लेनदेन में सभी नौ बैंक जुड़े रहे। इस दौरान डिजिटल करंसी को तुरंत जारी करने के साथ साथ उसी समय सेटेलमेंट करने की प्रक्रिया की जांच की गई। डिजिटल करंसी का इस्तेमाल सरकारी बॉन्ड खरीदने में किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि सीबीडीसी में कैश हैंडओवर करते ही इंटरबैंक सेटलमेंट की जरूरत नहीं रह जाएगी। इससे डिजिटल पेमेंट सिस्टम की तुलना में लेनदेन ज्यादा रियल टाइम और कम लागत में होगा। आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ योगेंद्र कपूर ने बताया कि ई-रूपए से भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी। साथ ही देश के पेमेंट सिस्टम को और पारदर्शी बनाने में भी मदद मिलेगी।
खुदरा ग्राहकों के लिए अगले माह शुरुआत आरबीआई ने यह भी कहा कि डिजिटल रुपये (खुदरा खंड) का पहला पायलट परीक्षण विशेष उपयोगकर्ता समूहों के बीच चुनिंदा स्थानों में किया जाएगा, जिसमें ग्राहक और कारोबारी शामिल होंगे। इसकी शुरुआत एक महीने के भीतर करने की योजना है।
वित्त मंत्री ने बजट में किया था ऐलान इस साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल करंसी लाने की योजना का ऐलान किया था। रिजर्व बैंक देश में क्रिप्टोकरंसी की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के मद्देनजर आसान और सुरक्षित डिजिटल करंसी लाने की योजना पर काफी समय पहले से काम कर रहा था। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कई बार क्रिप्टो को लेकर चिंता जता चुके थे। क्रिप्टो में भारत में 80 निवेशक 500 से दो हजार लगाने वाले की श्रेणी में है।
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कोरोना के बाद मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी के पांच ऐसे अच्छे संकेत मिले हैं जो भारत की आर्थिक वृद्धि पर आम लोगों से लेकर उद्योग जगत का भरोसा बढ़ने का इशारा कर रहे हैं।
अरब रुपये का लेन-देन पहले दिन
बैंकों ने 24 सौदे किए ई-रुपया से
वजह ई-कॉमर्स पर भुगतान में इजाफा
मायने आसान-सुरक्षित भुगतान पर भरोसा
वजह त्योहारों पर जमकर खरीदारी
मायने वाहन उद्योग में अवसर बढ़ रहे
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वित्त वर्ष 2022-23 में जीएसटी संग्रह
वजह त्योहारों की वजह से से उत्पाद-सेवाओं मांग में तेज उछाल, कारोबारी गतिविधियों में तेजी
मायने उपभोक्ता-कंपनियां खर्च को तैयार, आर्थिक वृद्धि और रोजगार के मौके बढ़े
वजह आसान कर्ज और दाम में गिरावट
मायने उपभोक्ता खर्च को लेकर उत्साहित
वजह नए ऑर्डर और उत्पादन में वृद्धि
मायने आर्थिक वृद्धि पर उद्योग आशावान
क्या है इससे फायदा
● यह एक वाउचर है जिसे हस्तांतरित नहीं किया जा सकता। यानी केवल वही इसका इस्तेमाल कर सकेगा, जिसके लिए जारी किया गया है।
● जारी होने के बाद इसका इस्तेमाल एक ही बार किया जा सकता है। यह कैशलेस और कॉन्टैक्टलैस प्रणाली है।
● इंटरबैंक सेटलमेंट की जरूरत नहीं रह जाएगी। इससे डिजिटल पेमेंट सिस्टम की तुलना में लेनदेन ज्यादा रियल टाइम और कम लागत में होगा।
● नोट छापने की लागत में कमी आएगी। आरबीआई के अनुसार देश में 100 रुपये के एक नोट को छापने पर 15 से 17 रुपये की लागत आती है