कोरोना के कारण आजीविका के साधनों-संसाधनों के बर्बाद होने से परेशान राज्य की जनता को राहत पहुंचाने के लिए सरकार को महज दो साल में ही विभागीय योजनाओं व कार्यक्रमों के माध्यम से दोगुनी सब्सिडी बढ़ानी पड़ी है। सब्सिडी का सबसे अधिक लाभ ग्रामीणों के साथ ही किसानों को मिल रहा है।
कोरोना वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार ने जन कल्याण और लोगों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कुल 11677.15 करोड़ रुपये सब्सिडी दी थी। राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार, लोगों को राशन-पानी का प्रबंध और रोजी-रोटी से जोड़ने की मुहिम के कारण बीते वर्ष 2021-22 में सब्सिडी की राशि बढ़ कर 20151.49 करोड़ रुपये पहुंच गई। अब चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी राशि को 23209.05 करोड़ रुपये है।
किसानों -ग्रामीणों को मिल रहा ज्यादा लाभ
राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी में दी जाने वाली इस भारी-भरकम धनराशि में सबसे अधिक लाभ किसानों और ग्रामीण लोगों को है। मसलन, खेतों की सिंचाई के लिए नलकूप कनेक्शन का बिल 50 फीसदी कम होना, गांवों में बिजली आपूर्ति के घंटे बढ़ाने से, सोलर पैनल की लगाने पर छूट में सब्सिडी के रूप में भारी भरकम धनराशि खर्च की जाती है।
प्रमुख विभागों को सब्सिडी
विभाग 2020-21 22-23
ऊर्जा 6057.35 12100.00
कृषि 2365.97 3682.44
समाज कल्याण 966.72 2736.45
औद्योगिक विकास 310.03 1113.76
ग्राम्य विकास 771.94 868.49
ग्रामीण जलापूर्ति 00.00 658.00
(नोट रुपये करोड़ में)