उत्तर प्रदेश में अंग्रेजी की पढ़ाई का स्तर अब ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में भी सुधर रहा है। पांचवीं कक्षा में बच्चों के सरल अंग्रेजी वाक्य पढ़ने में काफी सुधार हुआ है। वर्ष 2016 में ऐसे बच्चों की संख्या 18.4 फीसदी थी जो कि 2022 में बढ़कर 24.1 फीसदी हो गई है। यही नहीं कक्षा पांच के जो बच्चे सरल अंग्रेजी वाक्य पढ़ सकते हैं उनमें से 50.5 प्रतिशत बच्चे उसका अर्थ भी जानते हैं। बच्चों के अंग्रेजी पढ़ने और समझने की क्षमता का यह खुलासा असर (एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट) 2022 के सर्वे में हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार अंग्रेजी के वाक्य पढ़ लेने वाले पांचवीं ही नहीं आठवीं के विद्यार्थियों की भी संख्या बढ़ी है। अंग्रेजी वाक्यों के अर्थ समझने वाले छात्रों का प्रतिशत भी पांचवीं के मुकाबले दस फीसदी ज्यादा है। प्राथमिक स्कूलों के बच्चों की बुनियादी क्षमताओं पर केंद्रित असर- 022 का सर्वे 70 जिलों के 2096 गांवों में हुआ। सर्वे में 41910 घरों व 3 से 16 आयु वर्ग के 91158 बच्चों को शामिल किया गया।
गणित में भी दिखा सुधार
राष्ट्रीय स्तर पर बच्चों के बुनियादी गणित के स्तर में वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2022 में गिरावट आई है, लेकिन यूपी में स्थिति सुधरी है। प्रदेश में कक्षा तीन के सरकारी व निजी स्कूलों में उन बच्चों का अनुपात जो कम से कम घटाव कर सकते हैं वर्ष 2018 में 26.6 प्रतिशत था। यह वर्ष 2022 में बढ़कर 28.7 प्रतिशत हो गया है जो पड़ोसी राज्यों से बेहतर है। प्रदेश में यह बदलाव सरकारी व निजी दोनों स्कूलों में दिख रहा है।
सरकारी स्कूलों में 2018 में यह आंकड़ा 11.2 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 19.7 प्रतिशत हो गया है, जबकि निजी स्कूली में 2018 में 43.7 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 46.8 प्रतिशत हो गया है। वहीं कक्षा पांच के सरकारी व निजी स्कूल के ऐसे बच्चों का अनुपात जो भाग का सवाल हल कर सकते हैं वह 2018 में 29.7 प्रतिशत था और अब 2022 में बढ़कर 31.6 प्रतिशत हो गया है। इसी तरह कक्षा आठ के सरकारी व निजी स्कूल के भाग का सवाल हल कर सकने वाले बच्चों का जो अनुपात वर्ष 2018 में 44.4 प्रतिशत था, वह 2022 में बढ़कर 49.4 प्रतिशत हो गया है। यह बदलाव भी सरकारी व निजी दोनों स्कूलों में हुआ है।
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधरा
प्रदेश में सरकारी व निजी स्कूलों में कक्षा पांच में दाखिला लेने वाले बच्चों में जो कक्षा दो के स्तर का पाठ पढ़ सकते हैं, उनका कुल प्रतिशत 2018 के मुकाबले 2022 में गिरा है, लेकिन सरकारी स्कूलों में यह आंकड़ा सुधरा है। यानी सरकारी स्कूलों में वर्ष 2018 में जो प्रतिशत 36.2 था वह वर्ष 2022 में बढ़कर 38.3 प्रतिशत हो गया है। वहीं कक्षा आठ में सरकारी स्कूलों में यह आंकड़ा 2022 में थोड़ा बढ़कर 62 से 62.6 प्रतिशत हो गया है।
सुविधाएं बढ़ीं, कम छात्र संख्या वाले स्कूल घटे
कम नामांकन यानी 60 से कम छात्रों वाले सरकारी स्कूलों का अनुपात कई राज्यों में बढ़ा है, लेकिन यूपी में 2018 में इनकी जो संख्या 12.4 प्रतिशत थी वह 2022 में घटकर 11.4 प्रतिशत हो गई है। कक्षा दो व चार के बच्चों को अन्य कक्षाओं के बच्चों के संग बैठाकर पढ़ाने का प्रतिशत भी यूपी में घटा है।
वर्ष 2018 के मुकाबले 2022 में सुविधाओं में बढ़ोतरी हुई है। शौचालय वाले स्कूलों का अनुपात 67.2 से बढ़कर 78 प्रतिशत हो गया है। बिजली कनेक्शन वाले विद्यालयों का प्रतिशत 66.5 से बढ़कर 94.8 प्रतिशत हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार सर्वे के समय प्रदेश में वर्तमान सत्र में प्राथमिक विद्यालयों में 68.8 प्रतिशत व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 64.6 प्रतिशत विद्यालयों में सभी कक्षाओं में किताबें बंट गई थीं।