यूपी में बिजलीकर्मियों की हड़ताल ख़त्म। ऊर्जा मंत्री ने बिजली विभाग कर्मचारी संगठन के नेताओं से मुलाक़ात कर सभी तरह की कार्रवाई को वापस लेने और उनकी मांगों पर चर्चा कर विचार करने का आश्वासन दिया।
यूपी में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई है। संघर्ष समिति ने एक दिन पहले ही कार्य वहिष्कार आंदोलन को वापस ले लिया है। ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से भी कहा है कि प्रदेश में जहां कहीं भी विद्युत आपूर्ति बाधित हो, उसे शीघ्र संचालित किया जाए और जो भी कर्मचारी कार्यस्थल पर न हो, वह कार्यस्थल पर जाकर अपनी ड्यूटी करें।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा एवं चेयरमैन एम देवराज से वार्ता होने के बाद रविवार दोपहर संघर्ष समिति हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी है। संघर्ष समिति और कारपोरेशन सोमवार को हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखेगा। हड़ताल खत्म होने की घोषणा के बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से कर्मचारियों की सभी मांगों पर सकारात्मक तरीके से विचार किया जा रहा है।
सरकार पहले भी वार्ता के लिए तैयार थी और आज की वार्ता सकारात्मक रही है। सभी कर्मचारियों से अपील है कि तत्काल काम पर लौट जाएं। उन्होंने आश्वासन दिया कि कर्मचारियों पर हुई कार्यवाही को विधिक तरीके से वापस लिया जाएगा। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर उपभोक्ताओं को नुकसान नहीं देना चाहते हैं। कर्मचारी हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे अभी समझौते को लागू करने का आश्वासन दिया गया है। इस वजह से हड़ताल वापस ले रहे हैं।
▶️विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति संयोजक शैलेंद्र दुबे का बयान….
ऊर्जा मंत्री में सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया-शैलेंद्र दुबे।
72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल को एक दिन पहले वापस लेने की घोषणा करते हैं-शैलेंद्र दुबे।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का बयान
संघर्ष समिति के सभी पदाधिकारियों का धन्यवाद-एके शर्मा।
बिजली कर्मचारी मेरे परिवार के अंग-एके शर्मा।
कर्मचारियों की मांगों और आवश्यकताओं की पूर्ति की जाएगी-एके शर्मा।
पिछले समझौते पर हम वार्ता करेंगे कार्रवाई आगे बढ़ाएंगे-एके शर्मा।
हड़ताल के दौरान सभी कार्रवाइयों को वापस लेने का निर्देश चेयरमैन को दिया जा रहा-एके शर्मा।
तीन हजार से ज्यादा संविदा कर्मी किए गए थे बर्खास्त
हड़ताल से बिजली आपूर्ति में बाधा पहुंचने के कारण प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन ने 16 अधिशाषी अभियंता, अवर अभियंता और एसडीओ को निलंबित कर दिया था और तीन हजार से ज्यादा संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया था। 22 कर्मचारी नेता समेत कुल 29 के खिलाफ आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। वहीं, हड़ताल से पूर्वांचल सहित प्रदेश के विभिन्न इलाकों में प्रभाव पड़ रहा था। कई जगह बिजली कर्मी फीडर बंद करके गायब हो गए थे। ऐसे में बिजली उत्पादन होने के बाद भी आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त रही और आम जनता त्रस्त रही।
उद्योगों को लगा झटका
हड़ताल की वजह से प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों शनिवार को भी उत्पादन प्रभावित हुआ। उद्यमियों का कहना था कि अभी तक छिटपुट कटौती का सामना करना पड़ा है, लेकिन हड़ताल लंबी चली तो समस्या ज्यादा बढ़ सकती है। इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के अधिशासी निदेशक डीएस वर्मा ने बताया कि कानपुर, वाराणसी सहित कई जगह से बिजली समस्या की शिकायतें मिलीं। वहीं, इस दौरान निगमों की ओर से भरोसा दिया जाता रहा कि उद्योगों को पहले की तरह बिजली मिलती रहेगी।