प्रत्येक 75 जिलों में कम से कम एक ब्लॉक को निपुण बनाने के लिए तय किया लक्ष्य
लखनऊ:प्रदेश की बेसिक शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग को नया लक्ष्य दिया है। इसके तहत इस साल के अन्त तक प्रदेश में 44 हजार प्राइमरी विद्यालयों को निपुण विद्यालय का दर्जा हासिल करना होगा, साथ ही प्रत्येक जिले में एक निपुण ब्लॉक भी तैयार करना होगा। इस प्रकार से कुल 75 निपुण ब्लॉक बनाने का लक्ष्य दिया गया है।मुख्यमंत्री यगी आदित्यनाथ द्वारा बीते दिनों की गई समीक्षा में इस लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिए गए। निपुण भारत मिशन का उद्देश्य यह तय करना है कि देश में प्रत्येक बच्चा अनिवार्य रूप से 2026-27 तक ग्रेड 3 के अंत तक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता प्राप्त कर ले। यह मिशन, जिसे समग्र शिक्षा की केंद्र प्रायोजित योजना के तत्वावधान में शुरू किया गया है, स्कूली शिक्षा के मूलभूत वर्षों में बच्चों तक पहुंच प्रदान करने और उन्हें स्कूल में बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
*निर्देशों के साथ ही रणनीति भी तय*
बेसिक शिक्षा विभाग को दिए गए निर्देशों के अनुसार प्रत्येक एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) को दिसंबर तक 10 स्कूलों को निपुण बनाना होगा। इस तरह इस वत्ष के अन्त तक ही 44 हजार से ज्यादा स्कूलों को निपुण बनाना लक्ष्य है। इसी तरह शिक्षक संकुलों के लिए जुलाई 2023 तक अपने स्कूलों को निपुण बनाना अनिवार्य होगा। इसके माध्यम से 41 हजार से ज्यादा स्कूलों को निपुण बनाने का लक्ष्य है। यही नहीं प्रत्येक जिले में कम से कम एक ब्लॉक को भी निपुण बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इस तरह दिसंबर 2023 तक 75 ब्लॉक को निपुण बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। निर्देशों के साथ-साथ टूलकिट भी तय की गई है। इसके तहत निर्देशिका में उल्लिखित लेसन प्लान को 100 प्रतिशत कक्षाओं में लागू करना होगा। निपुण तालिका के द्वारा 100 प्रतिशत स्कूल बेस्ड असेसमेंट पूर्ण करना होगा। साथ ही मेंटर्स के द्वारा स्पॉट असेसमेंट किया जाएगा, जबकि डायट स्टूडेंट्स द्वारा स्पॉट असेसमेंट सुनिश्चित किया जाएगा।
*निपुण असेसमेंट टेस्ट-1 में बेहतर रहा छात्रों का प्रदर्शन*
स्कूलों को निपुण स्कूल बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है और तय मानकों के अनुरूप स्कूलों की निगरानी भी की जा रही है। नवंबर-दिसंबर के बीच निपुण असेसमेंट टेस्ट-1 का आयोजन किया गया। इसमें 80 प्रतिशत से ज्यादा छात्रों की उपस्थिति दर्ज की गई। प्रदेश में 14 प्रतिशत छात्र इस टेस्ट में 90 प्रतिशत से अधिक, 21 प्रतिशत 75 से 90 प्रतिशत के बीच, 17 प्रतिशत 60 से 75 प्रतिशत अंक पाने में सफल रहे। टेस्ट में सफल रहे टॉप-5 जिलों में वाराणसी, हापुड़, बस्ती, जौनपुर और गौतमबुद्धनगर रहे।