लखनऊ: शासन कर्मचारियों से जुड़ी दो महत्वपूर्ण समस्याओं के समाधान की ओर कदम बढ़ाया है। पदोन्नति की समस्त पदों को तेजी से भरने व अनिवार्य सेवानिवृत्ति संबंधी कार्रवाई में पारदर्शिता लाने के लिए नींद बनाने की तैयारी है।
कर्मचारी की सबसे बड़ी शिकायत है कि विभिन्न संवर्गों ने बड़ी संख्या में पदोन्नति के पद खाली होने के बावजूद पदोन्नति नहीं की जा रही है। बड़ी संख्या में कर्मचारी बिना पदोन्नति पाए सेवानिवृत्त हो रहे हैं। जिससे उनमें कुंठा बढ़ रही है। शिक्षा विभाग में हजारों की संख्या में प्राइमरी शिक्षक पदोन्नति के लिए आवश्यक सेवा पूरी कर चुके हैं।
जूनियर हाई स्कूल में शिक्षक के पद खाली हैं पर पदोन्नति की कार्रवाई नहीं हो रही है इसी तरह राजस्व विभाग में पिछले 2 वर्ष में लेखपाल से राजस्व निरीक्षक के पद पर पदोन्नति नहीं की गई है। इसी तरह दूसरे अन्य विभागों की भी स्थिति है।
विशेष सचिव कार्मिक शीतला प्रसाद ने शासन के समस्त अपर मुख्य सचिवो,प्रमुख सचिवों व सचिवों को निर्देशित किया है कि पदों की उपलब्धि के आधार पर समस्त पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही समय बद्ध से सुनिश्चित की जाए।
इसी तरह सरकार 50 वर्ष की सेवा पूरी करने वाली कर्मियों की स्क्रीनिंग कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा रही है। कई सेवा संवर्ग से जुड़े कर्मियों की शिकायत है कि एक ही तरह के मामलों में अलग-अलग तरह की कार्रवाई की जा रही है।
गलत तरह से अनिवार्य सेवा नियुक्त किए जाने की शिकायत भी आती रही है विशेष सचिव कार्मिक ने शासन के अधिकारियों से कहा है कि 50 वर्ष की आयु पार कर लेंगे पर अनिवार्य सेवानिवृत्त के मामले में पारदर्शिता के लिए सरकार मार्गदर्शक सिद्धांत बनाने पर विचार कर रही है उन्होंने इसके लिए अपनी राय देने का आग्रह किया है।