लखनऊ: प्रदेश सरकार विभागों के पुनर्गठन के साथ सरकारी कार्मिकों की आवश्यकता का सिरे से आकलन कर उनकी तैनाती, समायोजन व प्रबंधन पर विचार कर रही है। पूर्व मुख्य सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता वाली समिति ने तमाम जाने का तर्क देते हुए उन्हें समाप्त करने, नहीं आ सकता कि अनुसार में पदों की सीजन और जहां आवश्यकता से अधिक लोगों की इधर आती है वहां से कम तैनाती वाले स्थानों पर समायोजन की सिफारिश की है। विभागीय अधिकारियों से इन सुझावों पर भी राय मांगी गई है।
सुझाव पर अमल हुआ तो सिंचाई विभाग व प्राइमरी स्कूलों के 20000 से अधिक पद समाप्त हो सकते हैं। इसी तरह 20,000 से अधिक पदों को एक विभाग से दूसरे में समायोजित किया जा सकता है। अच्छा संकेत यह है कि एक मुक्त 59 हजार से अधिक में पद सृजित किए जा सकते हैं। आयोग ने संग्रह अमीन सहित कई ऐसी पदों को चिन्हित किया है। जिनक भूमिका सीमित होती जा रही है ऐसे पौधों व कार्यों की समीक्षा कर नए सिरे से उनका निर्धारण करने की संस्तुति की गई है।
बंद हो हो सकते हैं 10000 बेसिक विद्यालय
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बेसिक शिक्षा विभाग में 10,000 से अधिक प्राथमिक विद्यालय चीन की आवश्यक न्यूनतम 30 छात्र उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। इनको बंद कर यहां तैनात शिक्षकों को अन्य विद्यालय में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है। यहां के छात्रों को निकट के प्राइमरी या निजी स्कूल में प्रवेश दिलाने को कहा गया है।
चतुर्थ श्रेणी अनुकंपा नियुक्ति पर रोक का सुझाव
इसके साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग में भविष्य में अनुकंपा के आधार पर चतुर्थ श्रेणी के रूप में नियुक्ति की व्यवस्था पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश दिया गया।