प्रयागराज: प्रदेश की सभी शिक्षक भर्तियों में योगी सरकार लिखित परीक्षा करा रही है, ताकि में मेधावी को अवसर मिले। b.ed की तर्ज पर डीएलएड में उन्हीं अभ्यर्थियों को मौका देने की तैयारी है जो प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर सकें। ज्ञात हो कि इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में मेरिट के आधार पर अभ्यर्थियों को प्रवेश मिलता रहा है। यह प्रक्रिया 2021 से खत्म करने की तैयारी है। इसी माह के अंत या फिर मार्च माह में शासनादेश जारी होने की उम्मीद है।
प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक बनने का 2 वर्षीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम डीएलएड में इस बार बड़े बदलाव हो सकते हैं। या पाठ्यक्रम प्रदेश की 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान वह 3103 निजी कॉलेजों में संचालित हो रहा है। सरकारी संस्थानों में 10600 व निजी कॉलेजों में 231600 सीटें हैं। शिक्षक भर्ती की डीएलएड व अन्य पाठ्यक्रमों के साथ ही b.ed के अभ्यर्थियों को मौका दिया जा रहा है। योगी सरकार ने पहले सभी तरह की शिक्षक भर्तियों में मेरिट से चयन का प्रावधान खत्म कराया। यहां तक कि शिक्षामित्रों के समायोजन से रिक्त 137000 सीटों के लिए लिखित परीक्षा कराई गई इस तरह से राजकीय कालेजों की एलटी ग्रेड और ऐडेड महाविद्यालयों की प्रचार भर्ती तक में लिखित परीक्षा हो चुकी है।
शासन की मंशा है कि मेधावी ही हर पद पर चयनित हो। इसका ध्यान में रखकर प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने की प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की प्रवेश परीक्षा कराने की तैयारी है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उत्तर प्रदेश ने इसका प्रस्ताव भेज दिया है इसमें कहा गया है कि 2021 में प्रवेश लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण करने वाले को दिया जाए। अब इसका कट ऑफ अंक आदि बीता हुआ है। परीक्षा संस्था का कहना है किंग इसी माह के अंत या फिर मार्च के पहले पखवाड़े में शासनादेश जारी हो सकता है।
यह भी हो सकते बदलाव
डीएलएड की सेमेस्टर परीक्षाओं में 12 वीं स्तर के प्रश्न पूछे जाएं। पहली आठवीं अस्तर की ही प्रश्न पूछे जाते थे।
यूपी बोर्ड की तर्ज पर आंतरिक मूल्यांकन में अंक लूटाने पर रोक। इसमें पूर्णाक का अधिकतम 30 फ़ीसदी अंक देने का प्रस्ताव है।