लखनऊ। प्रदेश में छात्रवृत्ति योजना में सरकारी व एडेड माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को तरजीह दी जाएगी। कोरोना संकट को देखते हुए सभी स्तर के विद्यार्थियों के लिए आधार आधारित हाजिरी इस बार लागू न करने पर विचार किया जा रहा है।
हालांकि, केंद्र सरकार ने अपनी गाइडलाइन में सत्र 2021-22 से आधार आधारित हाजिरी अनिवार्य करने की बात कही है। प्रदेश सरकार एससी-एसटी के ढाई लाख रुपये सालाना और अन्य वर्गों के दो लाख रुपये सालाना आमदनी वाले परिवारों के विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ देती है। उन्हें छात्रवृत्ति के साथ शुल्क भरपाई की सुविधा मिलती है। प्रदेश में हर साल करीब 60 लाख विद्यार्थी इस योजना का लाभ लेते हैं। एससी-एसटी के विद्यार्थियों के अलाबा अन्य वर्गों के विद्यार्थियों के लिए यह योजना बजट आधारित है। यही बजह है कि उन विद्यार्थियों को तरजीह देने का फैसला किया गया है जो सरकारी और एडेड विद्यालयों में दाखिला लेते हैं।